Parliament Budget Session LIVE: 12 घंटे की बहस के बाद वक्फ बिल पास, पक्ष में 288 वोट
किरेन रिजिजू ने बताए वक्फ के प्रमुख प्रावधान :
आदिवासियों के संरक्षण को देखते हुए शेड्यूल 5 और 6 में वक्फ प्रॉपर्टी को क्रिएट नहीं किया जाएगा।
वक्फ ट्रिब्यूनल में 3 मेंबर होंगे। इनका टेन्योर 6 महीने का होगा।
वक्फ ट्रिब्यूनल के आर्डर से अगर कोई खुश नहीं है तो वह अदालत जा सकता है।
मुतवल्ली के कंट्रीब्यूशन को घटाकर 7 से 5 प्रतिशत कर दिया है।
लिमिटेशन एक्ट जो पहले इससे हटा दिया गया था उसे भी अब शामिल किया गया है।
सेक्शन 40 के तहत वक्फ किसी भी जमीन को वक्फ प्रॉपर्टी बना देते थे। इसे अब हटा दिया गया है। यह सबसे खतरनाक प्रावधान था। देश की क्रिश्चन कम्युनिटी भी इसलिए वक्फ का समर्थन कर रहा है क्योंकि वे जानते हैं इसका कितना दुरूपयोग किया गया।
रेट्रोस्पेक्टिव नहीं है वक्फ संशोधन विधेयक :
वक्फ की डेफिनेशन में बदलाव का उद्देश्य यह है कि, अभी हम किसी धर्म या किसी जाति के चलते सांसद नहीं बने हैं। अगर कोई ट्रस्ट है तो चैरिटी कमिश्नर गवर्नेंस का काम देखता है। वक्फ बोर्ड के मामले में गैर मुस्लिम लोगों को शामिल किए जाने का मसला गवर्नेंस का है धर्म का नहीं।
कहा जा रहा है कि, हम दरगाह, मस्जिद छीन लेंगे। हम किसी न किसी भाग से आते हैं लेकिन हम सब भारतीय हैं। यह कानून किसी की जमीन छीनने का नहीं है। यह कानून रेट्रोस्पेक्टिव (पिछली तारीख से लागू होना) नहीं है बल्कि आगामी तारीख से लागू होने वाला है। CAA को लेकर भी यही बातें कहीं गई थी।
वक्फ प्रॉपर्टी पर राज्य सरकार को फुल अथॉरिटी :
हमने सेंट्रलाइज्ड डेटाबेस और ट्रैकिंग, निगरानी समेत डिजिटल पोर्टल की व्यवस्था की है। आखिर में इसके ऑडिट के लिए जिम्मेदारी राज्य सरकार करेगी। राज्य सरकार को हम फुल अथॉरिटी देते हैं। जो भी वक्फ प्रॉपर्टी बनेगी उसकी निगरानी केंद्र करेगा।
नए एक्ट का नाम उम्मीद :
जब कमेटी बनती है तो खुलकर बहस होती है। कुछ सुझाव बहुत अच्छे थे जिन्हें हमने माना है। नया संवरा आने वाला है। नए एक्ट का नाम उम्मीद (यूनिफाइड एक्ट ऑफ एम्पावरमेंट एंड वक्फ मैनेजमेंट) है।
दुनिया की सबसे ज्यादा वक्फ प्रॉपर्टी भारत में :
लैंड बैंक पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा - यह बोला जाता है कि, रेलवे और डिफेंस के बाद वक्फ के बाद सबसे अधिक प्रॉपर्टी है। रेलवे और डिफेंस की प्रॉपर्टी तो देश की है। यह किसी की निजी भूमि नहीं है। दुनिया की सबसे ज्यादा वक्फ प्रॉपर्टी भारत में है। अगर इतनी प्रॉपर्टी है वक्फ के पास तो क्यों आज तक मुसलमान वंचित है। सदियों तक यह याद रखा जाएगा कि, कौन इस बिल का समर्थन कर रहा है। हमारे देश में अब वोट बैंक की राजनीति नहीं होगी। गरीब मुसलमानों के लिए हमें सोचना होगा।
वक्फ बिल धार्मिक भावना नहीं बल्कि जमीन के मैनेजमेंट का मुद्दा
यह वक्फ बिल धार्मिक भावना नहीं बल्कि जमीन के मैनेजमेंट का मुद्दा है। क्या आपको इतनी सी बात समझ नहीं आती।
तीन केस का जिक्र करते हुए किरण रिजिजू ने अदालत के फैसले बताए :
करेला हाई कोर्ट ने एक फैसले में बताया कि, वक्फ बिल कानूनी बॉडी है यह मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
मुतवल्ली एक सेकुलर कैरेक्टर है। इसका धर्म से कोई लेना देना नहीं।
मंदिर की प्रॉपर्टी को मैनेज करना भी धार्मिक गतिविधि नहीं है।
यह तीनों बातें अलग - अलग केस में अदालत ने कही है। 2013 में इलेक्शन से पहले 5 मार्च 2013 को 100 से अधिक प्रॉपर्टी दिल्ली वक्फ बोर्ड को दे दी।
सदन में विपक्ष का हंगामा
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू के वक्तव्य के बीच विपक्ष ने सदन में किया हंगामा
बिल नहीं लाते तो जहां पार्लियामेंट बिल्डिंग बनी वह जमीन भी वक्फ बोर्ड क्लेम कर लेता - किरण रिजिजू
केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा -
वक्फ बिल कोई नई बात नहीं है। हम इसे सुधार के पेश कर रहे हैं तो आप इसे असंवैधानिक कैसे कह सकते हैं। आप तर्क पर बात करिए। जिससे इस बिल का कोई लेना - देना नहीं है आप वो बातें करते हैं। 1995 में ट्रिब्यूनल की व्यवस्था की गई थी। यह अमेंडमेंट बिल लाने की शुरुआत इसलिए हुई क्योंकि 2013 में ऐसे कदम उठाए गए जिनके बारे में जानकर आप खुद सवाल करेंगे।
2013 में यह प्रावधान किया गया कि, कोई भी वक्फ बना सकता है ऐसा प्रावधान किया गया। आपने शिया के लिए शिया और सुन्नी के लिए सुन्नी मेंबर फिक्स कर दिए। मतलब जिसका बोर्ड होगा उसी के मेंबर कमेटी में हो सकते हैं। सेक्शन 108 में प्रावधान किया गया कि, वक्फ कानून देश के किसी भी कानून से बड़ा होगा। इसे वरराइडिंग इफेक्ट दिया गया। 2013 में मुझे भी लगा कि, यह आखिर कैसे पास हो सकता है।
दिल्ली वक्फ बोर्ड ने एक संपत्ति को क्लेम किया था। यह मामला अदालत में था। UPA ने 123 प्रॉपर्टी को डिनोटिफाई करके वक्फ को दे दी। यहां तक कि, जिस पार्लियामेंट बिल्डिंग में हम है उसे भी क्लेम किया गया। मैं यह अपनी ओर से नहीं बल्कि रिकॉर्ड की बात कर रहा हूं।
वक्फ बिल पर मिली 97,27,722 याचिका :
केंद्रीय मंत्री किरण रिजुजू ने कहा किसी के बाद कोई बदगुमा न समझे, इस जमीन का दर्द कभी आस्मां नहीं समझेगा...आज तक किसी बिल पर इतनी व्यापक चर्चा नहीं हुई। 97,27,722 याचिका ऑनलइन, फिजिकल और मेमोरेंडम के रूप में आई थी। सरकार द्वारा इन सभी पर ध्यान दिया गया है। 284 डेलिगेशन ने कमेटी के सामने अपनी बात रखी है। 25 स्टेट और UT ने भी संशोधन प्रस्ताव दिए हैं। इसके आलावा विद्वानों ने भी संशोधन दिए हैं।
हमारी कमेटी लोकतांत्रिक - गृह मंत्री अमित शाह
वक्फ संशोधन बिल को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया। इसके जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा - विपक्ष की मांग थी कि, इसे जेपीसी में भेजे। जब संशोधन आए तो कैबिनेट ने अमेंडमेंट स्वीकार किया। हमारी कमेटी लोकतांत्रिक कमेटी है। हम चर्चा करते हैं और फिर परिवर्तन करते हैं। अगर परिवर्तन स्वीकार नहीं होती तो फिर कमेटी क्यों बनवाई।