अयोध्या में आज इतिहासिक क्षण: राम मंदिर शिखर पर फहराई धर्म ध्वज

श्रीराममंदिर संपूर्ण, पीएम मोदी- डॉ मोहन भागवत ने धर्मध्वजा फहराई। शहर में अद्भुत आध्यात्मिक माहौल, कड़ी सुरक्षा।

Update: 2025-11-25 06:01 GMT


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अयोध्या की हवा आज कुछ अलग है जैसे शहर खुद सांस रोककर उस पल का इंतज़ार कर रहा हो, जिसे करोड़ों रामभक्त वर्षों से अपने दिल में संजोए हुए थे। शहर को 1000 क्विंटल फूलों से सजाया गया, सुबह से ही मंत्रोच्चार गूंज रहे हैं और पूरे अयोध्या में एक अदृश्य आध्यात्मिक ऊर्जा बह रही है। इसी माहौल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत राम मंदिर पहुंचे,11.50 बजे अभिजीत मुहूर्त में पीएम के बटन दबाते ही 2 किलो की केसरिया ध्वजा 161 फीट ऊंचे शिखर पर फहरने लगी। इसके साथ ही राम मंदिर को पूर्ण हो गया।

रामदरबार में पूजा, आरती और विशेष दर्शन

मंदिर पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत के साथ रामदरबार में पहली बार पूजा-अर्चना की और आरती उतारी। इसके बाद वे रामलला के दर्शन के लिए गर्भगृह पहुंचे, जहां वे रामलला के लिए विशेष वस्त्र और चंवर लेकर आए थे। उन्होंने सप्त ऋषियों के दर्शन किए, भगवान शेषावतार लक्ष्मण की पूजा की और मंदिर परिसर स्थित जलाशय का अवलोकन भी किया।


 जीत सत्य की होती है, असत्य की नहीं- मोदी

 पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा ध्वज सत्यमेव जयते का आह्वान करेगा। यानी जीत सत्य की होती है, असत्य की नहीं। यह ध्वज प्रतीक बनेगा कि सत्य ही ब्रह्म का स्वरूप है। सत्य में ही धर्म स्थापित है। यह ध्वज प्रेरणा रहेगा कि प्राण जाए पर वचन नहीं जाए, जो कहा जाए वही किया जाए। यह संदेश देगा कि कर्म प्रधान विश्व रचि राखा, विश्व में कर्म और कर्तव्य की प्रधानता हो। यह कामना करेगा कि भेदभाव, परेशानी से मुक्ति, समाज में शांति और सुख हो, यह धर्म हमें प्रेरित करेगा कि ऐसा समाज बनाएं जहां गरीबी, भूख या लाचार नहीं हो। जो लोग किसी कारण मंदिर नहीं आ पाते हैं, दूर से मंदिर के ध्वज को प्रणाम कर लेते हैं, उन्हें भी उतना ही पुण्य मिल जाता है। यह ध्वज भी मंदिर के ध्येय का प्रतीक है, यह दूर से ही रामलला की जन्मभूमि का दर्शन कराएगा। युगों-युगों तक राम के आदर्शों को मानव मात्र तक पहुंचाएगा। मैं संपूर्ण विश्व के रामभक्तों को इस क्षण की शुभकामना देता हूं, भक्तों को प्रमाण और दानवीर का आभार जिसने सहयोग किया। निर्माण से जुड़े सभी श्रमिक, कारीगर, वास्तुकार का भी अभिनंदन है।

बिना सारथी और रस्सी के रथ नहीं चल सकता- डॉ भागवत

डॉ. मोहन भागवत बोले, आज हम सबके लिए एक सार्थकता का दिवस है। इतने लोगों ने सपना देखा, प्रयास किया और प्राण अर्पण किए। आज उनकी स्वर्गावस्था आत्मा तृत्प हुई होगी। आज वास्तविक रूप में अशोक जी, संत परमहंस चंद्र दास, आदरणीय डालमिया जी की आत्मा को शांति मिली होगी। आज मंदिर की शास्त्रीय प्रक्रिया पूर्ण हो गई। राम राज्य का ध्वज, जो कभी अयोध्या फहराता था, जो पूरी दुनिया में अपने आलोक से समृद्धि प्रदान करता था, वह आज धीरे-धीरे ऊपर उठते हुए अपनी आंखों से देखा है। रथ चलाने के लिए सात सात घोड़े हैं, उन्हें नियंत्रण करने के लिए लगाम है। रस्सा नहीं है, सारथी नहीं है, तो ऐसी गाड़ी नहीं चल सकती है। लेकिन रोज पूरब से पश्चिम जाना सूर्य भगवान करते हैं, क्योंकि कार्य की सिद्धि सत्व से होती है। हिन्दू समाज ने साढ़े पांच सौ साल अपने सत्व को सिद्ध किया राम मंदिर बन गया, रामलला आ गए। उन्होने कहा, छाया बांटने वाले भारत को खड़ा करने का काम शुरू हो गया है। हमें सभी विपरीत परिस्थितियों में भी काम करना है। संकल्प की पुनरावृत्ति का दिवस है। सबके लिए खुशी बांटने वाला, शांति बांटने वाला भारत वर्ष खड़ा करना है, यह विश्व की अपेक्षा है। हमारा कर्तव्य है, रामलला का नाम लेकर इस कार्य की गति बढ़ाएं। जैसा सपना देखा था उन लोगों ने बिल्कुल वैसा, उससे भी अधिक और भव्य मंदिर बन गया है।  


पीएम मोदी का रोड शो: बच्चों ने बरसाए फूल 

इससे पहले प्रधानमंत्री ने साकेत कॉलेज से रामजन्मभूमि तक करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा रोड शो किया। मार्ग पर खड़े स्कूली बच्चों ने काफिले पर फूल बरसाए और महिलाओं ने पारंपरिक शैली में स्वागत किया। शहर में ऐसा उत्साह था कि हर मोड़ पर लगता था। प्रधानमंत्री सुबह दिल्ली से निकलकर महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर के जरिये वे साकेत महाविद्यालय पहुंचे और फिर एक भव्य रोड शो के साथ राम मंदिर की ओर बढ़े। रास्ते भर लोगों ने फूल बरसाए, सांस्कृतिक मंचों पर क्षेत्रीय कलाकार प्रस्तुति देते रहे।

धर्म ध्वज: आस्था का शिखर

अयोध्या राम मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला भगवा धर्म ध्वज कलाकारों की महीनों की मेहनत का नतीजा है। इसकी तस्वीरें सुबह ही जारी हुईं, जिनमें परंपरागत कढ़ाई और शुभ चिह्न साफ दिखाई देते हैं। विवाह पंचमी का दिन इस कार्यक्रम के लिए खास तौर पर चुना गया है।



धर्मध्वजा की खासियत

मंदिर पर लगने वाली धर्मध्वजा इतनी मजबूत है कि भयंकर तूफान में भी सुरक्षित रहेगी। हवा की दिशा बदलने पर यह उलझे बिना स्वतः पलट जाएगी। ध्वजा का दंड 21 किलो सोने से मढ़ा गया है और यह लगभग 4 किलोमीटर दूर से भी दिखाई देगी

इकबाल अंसारी को मिला न्योता

धर्म ध्वज के आरोहण समारोह में बाबरी मस्जिद मामले के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को भी आमंत्रित किया गया है। यह संदेश देता है कि अयोध्या अब टकराव नहीं, बल्कि संवाद और सह-अस्तित्व का केंद्र बन रही है।

शहर में कड़ी सुरक्षा, आम श्रद्धालुओं की एंट्री रोकी गई

आज रामलला के दर्शन आम श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे। सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे मंदिर परिसर को हाई-सिक्योरिटी ज़ोन घोषित किया है, और सिर्फ QR-कोड आधारित आमंत्रित मेहमान ही प्रवेश कर सकेंगे। शहर के प्रमुख मार्गों पर पुलिस, RAF और विशेष कमांडो तैनात हैं।

सीएम योगी ने कहा “राष्ट्र राममय है, धर्ममय है”

सीएम योगी ने कहा, भारत एक नई ऊंचाई को प्राप्त कर रहा है। 80 करोड़ लोगों को निशुल्क राशन, 50 करोड़ लोगों को निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलना रामराज की उद्घोषणा का संकल्प है। पिछले पांच सौ वर्ष में साम्राज्य बदले, लेकिन आस्था अडिग रही, आस्था न झुकी न रुकी, जनजन को विश्वास था। जब आरएसएस के हाथ में कमान आई तो एक ही उद्घोष निकलता था- रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे। एक समय था अयोध्या संघर्ष, अराजकता और बदहाली का शिकार बन चुकी थी, लेकिन आज पीएम मोदी के नेतृत्व में अयोध्या उत्सवों की वैश्विक राजधानी बन गई है। रामराज की दिव्य स्थापना हो रही है। सीएम ने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी है, धर्मपथ, रामपथ, भक्ति पथ, पंचकोसी, चौदह कोसी और चौरासी कोसी परिक्रमा आस्था को नया सम्मान प्रदान कर रही है। आस्था और आधुनिकता के साथ आस्था और अर्थव्यवस्था के रूप में पहचान बनाई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुबह एक्स (Twitter) पर पोस्ट लिखते हुए इस कार्यक्रम को “अदम्य आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार” बताया। उन्होंने कहा कि आज करोड़ों रामभक्तों की तपस्या एक नए शिखर पर प्रतिष्ठित हो रही है।



 

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