भारत ने 'चिकन नेक' बनाया अभेद्य किला

भारत ने की राफेल, ब्रह्मोस और एस-400 की तैनाती

Update: 2025-12-01 05:47 GMT

नई दिल्ली। भारत ने अपनी पूर्वी सीमा पर अब तक की सबसे बड़ी सैन्य तैनाती शुरू कर दी है। सिलिगुड़ी कॉरिडोर, यानी 22 किलोमीटर चौड़ा वह क्षेत्र जिसे चिकन नेक कहते हैं, जिसके जरिए उत्तर-पूर्वी भारत के सात राज्य देश की मुख्य भूमि से जुड़े हैं, अब पूरी तरह अभेद्य किला बनने जा रहा है। इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में तीन नए मिलिट्री स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं, जो नई दिल्ली की सैन्य रणनीति में मूलभूत बदलाव का संकेत देते हैं।

असम के धुबरी के पास लाचित बोरफुकन मिलिट्री स्टेशन

स्थापित किया जा रहा है। वहीं बिहार के किशनगंज और पश्चिम बंगाल के चोपड़ा में फॉरवर्ड बेस बनाए जा रहे हैं। चोपड़ा फारवर्ड बेस बांग्लादेश सीमा से महज 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये सिर्फ सैन्य अड्डे नहीं, रैपिड डिप्लॉयमेंट फोर्स, पैरा स्पेशल फोर्सेज, इंटेलिजेंस यूनिट और हाई-टेक सर्विलांस उपकरणों से लैस स्ट्रैटेजिक नोड हैं, जो किसी भी परिस्थिति में 'सिलिगुड़ी कॉरिडोर' की सुरक्षा सनिश्चित करेंगे। मुहम्मद यूनुस की विदेश नीति में भारत के मुकाबले चीन और पाकिस्तान को तरजीह दी जा रही है। बांग्लादेश 2.2 अरब डॉलर में चीन से जे 10सी फाइटर जेट खरीदने जा रहा है। ड्रोन बनाने में भी चीन से सहयोग ले रहा है। वहीं पाक ने उसे जेएफ-17 ब्लॉक-सी थंडर जेट ऑफर किए हैं।

बांग्लादेश का चीन-पाकिस्तान की ओर झुकाव

बांग्लादेश के साथ लगने वाली सीमा भारत के लिए रणनीतिक रूप से काफी संवेदनशील है। बांग्लादेश का चीन और पाकिस्तान की ओर झुकाव भारत के लिए रणनीतिक लिहाज से अच्छा संकेत नहीं है। सिलीगुड़ी कॉरिडोर, जो अपने सबसे संकरे बिंदु पर सिर्फ 22 किलोमीटर चौड़ा है, पूर्वोत्तर के 415 करोड़ से ज्यादा लोगों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। दुश्मन देश किसी विपरीत परिस्थिति में उत्तर-पूर्वी राज्यों को भारत की मुख्य भूमि से अलग-थलग करने के लिए इस महत्वपूर्ण संपर्क को निशाना बना सकते हैं।

Similar News