स्मार्ट सिटी का ‘डिजिटल तमाशा’! 3.50 करोड़ डूबे, बोर्ड बने शो-पीस

Update: 2025-12-05 04:21 GMT

शहर को स्मार्ट बनाने का दावा करने वाली स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की हकीकत एक बार फिर सामने आ गई है। शहरभर में 10 स्थानों पर करोड़ों रुपए खर्च कर लगाए गए वैरिएबल मैसेज साइन (वीएमएस) बोर्ड आज खड़े-खड़े जंग खा रहे हैं। हाल यह है कि न मौसम का अपडेट मिल रहा है, न यातायात की जानकारी, न प्रदूषण का स्तर और न ही “ग्वालियर में आपका स्वागत है” जैसे बुनियादी संदेश। स्मार्ट सिटी के ये हाईटेक बोर्ड आज सिर्फ बड़े-बड़े ब्लैंक स्क्रीन बनकर रह गए हैं।

प्रशासन की लापरवाही का लाइव प्रदर्शन

शहर के मुख्य प्वाइंट्स पर लगाए गए ये डिजिटल बोर्ड लोगों के काम आने की बजाय अब प्रशासन की लापरवाही का लाइव प्रदर्शन कर रहे हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इनका उद्देश्य था कि शहरवासियों को रियल-टाइम अलर्ट मिलें-जैसे यातायात अपडेट, प्रदूषण संकेतक, मौसम की चेतावनी, आपातकालीन संदेश आदि। लेकिन वास्तविकता यह है कि ग्वालियर की जनता को इन बोर्डों से अब सिर्फ धूल और काली स्क्रीन ही देखने को मिल रही है। स्मार्ट सिटी कंपनी हर प्रस्तुति में हाईटेक सुविधाओं के नाम पर वाहवाही लूटती है, जबकि जमीनी सच्चाई यह है कि ये सुविधाएँ चल ही नहीं रहीं।

यह जानकारी मिलनी थी, लेकिन मिल नहीं रही

प्रदूषण का स्तर

लाइव यातायात अपडेट

मौसम की जानकारी

आपातकालीन लाइव अपडेट

डिजिटल आधुनिक संकेतक

योजना के तहत यहाँ लगाए गए हैं बोर्ड

डीडी मॉल के सामने

मराठा बोर्डिंग के पास

राजमाता विजयाराजे सिंधिया चौराहा

गोले का मंदिर चौराहा

रेलवे स्टेशन

स्काउट गाइड के सामने, महाराज बाड़ा

ओल्ड सर्किट हाउस

गश्त का ताजिया

उरवाई गेट

पाताली हनुमान

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