बुंदेलखंड की महिलाओं ने अनूठे स्टार्टअप्स से अपनी पहचान बनाई है। फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में झांसी की शिवानी ने अभिनव प्रयोग किया, तो नीलम ने कबाड़ से कलाकृतियां बनाई। शिवानी और नीलम के स्टार्टअप्स को सरकार ने सराहा और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
बुंदेलखंड की महिलाओं ने सफलता की कहानी
योगी सरकार की स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने की पॉलिसी से बुंदेलखंड की महिलाओं ने सफलता की नई कहानियां लिखी हैं। झांसी की कई महिलाओं के स्टार्टअप्स इस समय देश और प्रदेश में चर्चा का विषय हैं। इनमें से एक है शिवानी के बेर से बने प्रोडक्ट और दूसरा है नीलम की कबाड़ से बनी कलाकृतियां। दोनों को ही सरकार की ओर से सम्मान और प्रोत्साहन प्रदान किया गया है।
झांसी जिले की शिवानी ने बेर से बनाए प्रोडक्ट
झांसी जिले की शिवानी बुंदेला ने फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में कदम बढ़ाते हुए बेर से ऐसे-ऐसे प्रोडक्ट बनाए हैं, जो किसी का भी ध्यान अपनी ओर खींचते हैं। उन्होंने बेर से जूस, जैम, चॉकलेट और टॉफी बनाईं और हाल ही में बेर से बने स्नैक्स को लॉन्च किया। शिवानी के स्टार्टअप को आगे बढ़ाने में झांसी स्मार्ट सिटी, उद्यान विभाग और एमएसएमई ने मदद की। जी20 के आयोजन में शिवानी के स्टार्टअप को गिफ्टिंग पार्टनर बनाया गया था और काफी सराहना मिली। शिवानी ने अपने ब्रांड का नाम अब्रोसा रखा है। वह लगभग 250 किसानों से बेर खरीद रही हैं और अपने स्टार्टअप के माध्यम से 20 से अधिक महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो के तीनों संस्करणों में शिवानी ने भाग लिया है। हाल ही में उन्हें यूनाइटेड नेशन्स एनवायरनमेंट प्रोग्राम के तहत एग्रो फॉरेस्ट्री को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी भी मिली है।
बेकार सामानों से कलाकृतियां तैयार
बेकार सामानों से कलाकृतियां तैयार करने वाली झांसी की नीलम सारंगी के स्टार्टअप 'बेकार को आकार' को उत्तर प्रदेश सरकार ने सम्मानित किया और प्रोत्साहित भी किया। झांसी नगर निगम के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान के अंतर्गत निष्प्रयोज्य सामानों से सुंदर कलाकृतियां तैयार की गईं। योगी सरकार ने नीलम को अनूठे स्टार्टअप के लिए नवदेवी सम्मान प्रदान किया। नीलम का स्टार्टअप बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के इंक्यूबेशन सेंटर में पंजीकृत है। नीलम ने अपने स्टार्टअप के साथ उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो, स्टार्टअप महाकुंभ और राइज हैकथान जैसे आयोजनों में हिस्सा लिया है। वह स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भरता का प्रशिक्षण भी दे रही हैं।
स्टार्टअप को बढ़ावा देने में सरकार ने की मदद
शिवानी बुंदेला ने बताया कि उनके स्टार्टअप को बढ़ावा देने में सरकार और प्रशासन ने मदद की। उनके स्टार्टअप के माध्यम से बेर से बने उत्पादों को प्रोत्साहित किया जा रहा है और बर्बाद होने वाले बेर को बचाने की कोशिश की जा रही है। इससे कई महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। वहीं नीलम सारंगी ने कहा कि नगर निगम, स्मार्ट सिटी, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय और उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने में मदद की। अब उनका प्रयास है कि महिलाओं को यह हुनर सिखाकर उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित किया जाए।