लखनऊ। विश्व दिव्यांग दिवस-2025 के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह स्पष्ट किया कि शारीरिक बनावट व्यक्ति की क्षमता और लक्ष्यों की प्राप्ति में बाधा नहीं बनती। बुधवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में दिव्यांगजन सशक्तिकरण, छात्रवृत्ति वितरण, सहायक उपकरण प्रदान करने और उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों तथा संस्थाओं के सम्मान के लिए आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि भारत की ऋषि परंपरा हमेशा इस बात के लिए प्रेरित करती रही है कि व्यक्ति की शारीरिक बनावट उसकी क्षमता का निर्धारण नहीं करती।मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तविक शक्ति मन, संकल्प और आत्मबल में निहित है। भारत ही नहीं, पूरी दुनिया ने दिव्यांगजन की संकल्प शक्ति और सामर्थ्य को व्यावहारिक जीवन में प्रदर्शन करते देखा है।
अष्टावक्र गीता का उदाहरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की पावन जयंती भी है, जिनकी स्मृतियों को नमन करते हैं। उन्होंने अष्टावक्र गीता का उदाहरण देते हुए कहा कि ऋषि अष्टावक्र ने विदेह जनक को आत्मज्ञान की प्रेरणा दी। मध्यकाल में संत सूरदास और अन्य दिव्यांगजन अपने सामर्थ्य और शक्ति से समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान कर चुके हैं।
उपेक्षा से प्रभावित होता है मन
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि किसी परिवार में बच्चा दिव्यांगता का शिकार होता है और उसे उपेक्षित किया जाता है, तो बचपन में ध्यान और समर्थन न मिलने से मन कुठित हो जाता है। वहीं, यदि थोड़ा सा सहयोग दिया जाए तो उत्कृष्ट परिणाम सामने आ सकते हैं।
दिव्यांग विद्यार्थियों से संवाद और उपहार वितरण
मुख्यमंत्री ने दिव्यांग विद्यार्थियों से संवाद करते हुए उन्हें चॉकलेट, मील बॉक्स, एमआर किट और अन्य उपहार दिए। दिव्यांग विद्यार्थियों ने उनसे सेल्फी भी खिंचवाई। कार्यक्रम में विभिन्न स्टॉल और लघु फिल्म का प्रदर्शन भी हुआ।इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग कल्याण तथा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल, पूर्व मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह, एमएलसी मुकेश शर्मा, रामचंद्र सिंह प्रधान, अवनीश कुमार सिंह, उमेश द्विवेदी, विधायक डॉ. नीरज बोरा, डॉ. राजेश्वर सिंह, जयदेवी, योगेश शुक्ल सहित विभाग के प्रमुख सचिव और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
खेल और युवा कल्याण विभाग के उदाहरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल और युवा कल्याण विभाग के सचिव स्वयं पैरालंपिक मेडलिस्ट हैं और सर्वाधिक मेडल जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे हैं। चित्रकूट के मंडलायुक्त दृष्टिबाधित हैं, लेकिन पूरी क्षमता से कार्य कर रहे हैं। यह दर्शाता है कि संकल्प शक्ति और आत्मबल ही वास्तविक सामर्थ्य का पैमाना है।
सम्मानित व्यक्तियों और संस्थाओं की सूची
• प्रतीक सैनी, विक्रम कुमार, विकास – सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग कर्मचारी
• रागिनी शाह- सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन नियोक्ता
• केशव जालान- सर्वश्रेष्ठ प्लेसमेंट अधिकारी और एजेंसी
• मुकेश कुमार शुक्ल और बॉबी रमानी- दिव्यांगों के लिए कार्यरत सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति
• मुजफ्फरनगर की आशादीप धर्मार्थ सेवा समिति- सर्वश्रेष्ठ संस्था
• नंद प्रसाद यादव, पंकज कुमार औवास्तव, विनायक बहादुर, अशोक कुमार, आस्था राय- प्रेरणास्रोत पुरस्कार
• अंकित सिंघल- दिव्यांगों का जीवन सुधारने के लिए पुरस्कार
• शाजिया सिद्दीकी- उत्पाद विकास के लिए पुरस्कार
• समेकित विकास क्षेत्रीय कौशल विकास, पुनर्वास एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण केंद्र, गोरखपुर तथा उत्तर प्रदेश मूक बधिर विद्यालय, प्रयागराज – बाधा मुक्त वातावरण के लिए पुरस्कार