सदन में हंगामा, बाहर सियासत: पीएम मोदी का प्री-सेशन संदेश: ड्रामा नहीं, डिलीवरी
शीतकालीन सत्र के पहले दिन PM मोदी का विपक्ष पर तंज, लोकसभा में SIR को लेकर जोरदार हंगामा।
संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही दिल्ली की ठंड के बीच सियासत का पारा चढ़ गया। एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडिया के सामने विपक्ष को ‘हार पचाने’ की सलाह देते दिखे, वहीं कुछ ही मिनटों बाद लोकसभा में विपक्षी सांसद SIR के मुद्दे पर वेल में पहुंचकर नारेबाज़ी कर रहे थे। पहली ही सुबह सदन का माहौल बता गया, यह सत्र बिल्कुल शांत नहीं रहने वाला। सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी ने करीब 10 मिनट मीडिया से बातचीत की।
विपक्ष को सीख देने का ऑफर
पीएम मोदी ने कहा कि हाल के चुनाव नतीजों के बाद विपक्ष को ‘पराजय की निराशा’ से बाहर आना चाहिए और सदन में मजबूत मुद्दे उठाने चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि यदि विपक्ष चाहे तो वे उन्हें “कैसे परफॉर्म किया जाए” इस पर टिप्स भी देने को तैयार हैं।उनका तंज साफ था संसद ड्रामे की जगह नहीं, डिलीवरी का स्थान है। कांग्रेस ने तुरंत पलटवार किया सबसे बड़ा ड्रामेबाज़ ड्रामा की बात कर रहा है। सियासी तकरार की यह शुरुआत थी।
लोकसभा में SIR पर हंगामा
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने SIR मुद्दे पर नारेबाज़ी शुरू कर दी। कुछ सांसद वेल तक पहुंच गए। स्पीकर ओम बिरला ने बार-बार कहा सदन चर्चा और संवाद के लिए है”—लेकिन हंगामा जारी रहा और कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि हंगामा लोकतंत्र के खिलाफ है मैं जब 2014 में आया था तो एक दिन का स्थगन भी बुरा लगता था। लोग अपने क्षेत्र के मुद्दे कैसे उठाएँ?
राज्यसभा: नए सभापति का पहला दिन
राज्यसभा में आज नए सभापति डॉ. सीपी राधाकृष्णन का पहला दिन था। पीएम ने उनकी जमकर तारीफ की आपने कभी प्रोटोकॉल खुद पर हावी नहीं होने दिया। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सभापति का स्वागत किया, लेकिन अपने अंदाज़ में अपने आसन से उस तरफ ज़्यादा मत देखिए… खतरा है। सदन खिलखिला उठा, लेकिन सियासी नोकझोंक वहीं खत्म नहीं हुई। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने खड़गे को पुराने बयान याद दिलाते हुए कहा आपने पूर्व उपराष्ट्रपति के लिए अभद्र शब्द का इस्तेमाल किया था, हम भूलें नहीं हैं।
सत्र की चुनौतियां: हंगामे और बिल दोनों की कतार लंबी
1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलने वाले इस शीतकालीन सत्र में एटॉमिक एनर्जी बिल समेत 10 नए बिल पेश हो सकते हैं। आज पहले ही दिन हंगामे का स्तर देखकर अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं सत्र छोटा है, मुद्दे बड़े हैं, और सियासत उससे भी बड़ी।