बिल नहीं लाते तो जहां पार्लियामेंट बिल्डिंग बनी वह जमीन भी वक्फ बोर्ड क्लेम कर लेता - किरण रिजिजू

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा -

वक्फ बिल कोई नई बात नहीं है। हम इसे सुधार के पेश कर रहे हैं तो आप इसे असंवैधानिक कैसे कह सकते हैं। आप तर्क पर बात करिए। जिससे इस बिल का कोई लेना - देना नहीं है आप वो बातें करते हैं। 1995 में ट्रिब्यूनल की व्यवस्था की गई थी। यह अमेंडमेंट बिल लाने की शुरुआत इसलिए हुई क्योंकि 2013 में ऐसे कदम उठाए गए जिनके बारे में जानकर आप खुद सवाल करेंगे।

2013 में यह प्रावधान किया गया कि, कोई भी वक्फ बना सकता है ऐसा प्रावधान किया गया। आपने शिया के लिए शिया और सुन्नी के लिए सुन्नी मेंबर फिक्स कर दिए। मतलब जिसका बोर्ड होगा उसी के मेंबर कमेटी में हो सकते हैं। सेक्शन 108 में प्रावधान किया गया कि, वक्फ कानून देश के किसी भी कानून से बड़ा होगा। इसे वरराइडिंग इफेक्ट दिया गया। 2013 में मुझे भी लगा कि, यह आखिर कैसे पास हो सकता है।

दिल्ली वक्फ बोर्ड ने एक संपत्ति को क्लेम किया था। यह मामला अदालत में था। UPA ने 123 प्रॉपर्टी को डिनोटिफाई करके वक्फ को दे दी। यहां तक कि, जिस पार्लियामेंट बिल्डिंग में हम है उसे भी क्लेम किया गया। मैं यह अपनी ओर से नहीं बल्कि रिकॉर्ड की बात कर रहा हूं।

Update: 2025-04-02 07:02 GMT

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