राष्ट्र निर्माण पर ध्यान दे विपक्ष

Update: 2025-12-17 05:16 GMT

लोकसभा और राज्यसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्ष की गतिविधियों पर सवाल उठते रहे हैं। भाजपा सांसदों का कहना है कि विपक्ष संसद के हर सत्र में अनर्गल बहस करके समय बर्बाद कर रहा है, जिससे न केवल संसद की कार्रवाई प्रभावित होती है बल्कि देश की जनता के पैसे की भी हानि होती है।

सूत्रों के अनुसार, सोमवार को विपक्ष ने कांग्रेस की रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दिए गए अपशब्द पर माफी मांगने से इंकार कर दिया और सत्ता पक्ष को घेरते हुए हंगामा शुरू कर दिया। इससे प्रश्नकाल बाधित हुआ।

भाजपा का कहना है कि प्रधानमंत्री को विश्व स्तर पर और देश में लोकतंत्र के सबसे बड़े नेता के रूप में मान्यता प्राप्त है, इसलिए उनके खिलाफ अपशब्द बेहद आपत्तिजनक हैं। कांग्रेस के सांसदों की ओर से माफी नहीं मांगने के कारण संसद की कार्रवाई बार-बार बाधित हो रही है।

लोकसभा और राज्यसभा में संसद का संचालन करने पर प्रति मिनट क्रमशः 2.5 लाख और 1.25 लाख रुपये का खर्च आता है। इस हिसाब से लोकसभा में हर घंटे 1.5 करोड़ रुपये और राज्यसभा में 75 लाख रुपये का खर्च होता है। भाजपा का आरोप है कि विपक्ष इस खर्च और संसदीय समय की अनावश्यक बर्बादी से अनभिज्ञ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष को संसदीय मर्यादा का पालन करने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि संसद में ड्रामा करने की बजाय नीतियों पर ध्यान देना चाहिए और सत्र को राष्ट्र निर्माण के मुद्दों पर केंद्रित करना चाहिए।

भाजपा के अनुसार, बिहार चुनाव में विपक्ष की हार और हालिया नकारात्मक गतिविधियों के कारण वह संसद की कार्रवाई बाधित कर रहा है। पार्टी नेताओं का कहना है कि राजनीतिक विरोध और आलोचना हो सकती है, लेकिन इसे सकारात्मक ढंग से और मर्यादा के भीतर रखना चाहिए ताकि राष्ट्र निर्माण पर ध्यान दिया जा सके।

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