भारत के भाग्य विधाता - नरेंद्र मोदी

लेखक : लाल सिंह आर्य, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा

Update: 2022-09-16 21:56 GMT

फाइल फोटो 

भारत वर्ष के नागरिक अब इस बात को लेकर गर्व का अनुभव कर सकते हैं कि उन्हें नरेन्द्र मोदी के रूप में एक वैश्विक नेता मिला है, जिसका कोई सानी नहीं है। वे अपने आप में इकलौते हैं, जिनका डंका पूरी दुनिया में बज रहा है। अपने ही देश में प्रधानमंत्री के रूप में सारे देशवासियों की चिंता कर उन्होंने बता दिया कि कागजी बातों से नहीं, बल्कि लोगों की मदद कर दिल में उतरना पड़ता है। आप और हम कह सकते हैं कि कोई यूँ ही नरेन्द्र मोदी नहीं बन जाता है। नरेन्द्र मोदी बनने के लिए समर्पण चाहिए, दूरदृष्टि चाहिए और चाहिये गरीबों के लिये चिंता । ये सब करते-करते लगभग एक दशक पूरा होने को हैं और उन्होंने देश को इस बात के लिए आश्वस्त किया है कि वे प्रधानमंत्री बाद में हैं, पहले देशवासियो के अपने हैं, जो उनका हर कदम पर साथ दे रहे हैं। उनके कार्य व्यवहार से आलोचकों के भी मुँह बंद हो जाते हैं, जब वे दुनिया में भारत का पताका फहराते हैं। आखिर उन सर्वे और लोगों की चाहत का तोड़ कोई नकली तो नहीं कर सकता है क्योंकि सर्वजन सुखाय सर्वजन हिताय का उद्देश्य लेकर वे आम आदमी के दिल तक पहुँचते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यकाल में एक नये भारत की रचना की है। समभाव और समदृष्टि वाले भारत की। ना कोई छोटा होगा और ना कोई बड़ा ना जात पूछी जाएगी और ना जात देखकर उनके साथ व्यवहार किया जाएगा। यही कारण है कि नरेन्द्र मोदी एकमात्र सर्वसम्मति के नेता हैं। उनके कार्यकाल में अनेक किस्म की विपदा आयी लेकिन वे ना डिगे, ना पीछे हटे पूरे हौसले के साथ परिस्थितियों का सामना किया और अपने नागरिकों की मदद करते हुए देश को आगे बढ़ाते रहे। यकीन कीजिये कि जब पूरी दुनिया में मंदी छायी हुई है जीडीपी गिर रही है और अर्थव्यवस्था आँधे मुँह तब भारत लगातार प्रगति कर रहा है। कोविड महामारी ने महादेशों को भी रुला दिया है लेकिन दूरदृष्टि वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 80 करोड़ जनता की थाली में भोजन उपलब्ध कराने का पुण्य कार्य किया। भूख से लोग बिलबिलाते, इसके पहले उनके अपने प्रधानमंत्री ने निःशुल्क अनाज की व्यवस्था कर दी। इसी कोविड के चलते विदेशों में पढने गए बच्चों को सकुशल वापस अपने घर लाने का जो प्रयास किया, उसका सुफल है कि सैकड़ों परिवारों के चेहरे पर मुस्कान है। वे दिल से मोदी जी का आभार व्यक्त करते हैं।

मोदी जी नारियल की तरह हैं। बाहर से सख्त दिखते हैं और भीतर से उनका दिल कोमल है। वे जल्द ही लोगों की परेशानी को देखकर पसीज जाते हैं और फिर सारे नियम-कायदों को ताक पर रखकर मदद के लिए आगे बढ़ जाते हैं। स्वाधीनता के बाद देश का विकास हुआ लेकिन आखिरी पंक्ति पर बैठा व्यक्ति हमेशा विकास से दूर रहा। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चिंतन को जीते नरेन्द्र मोदी जी ने हर उस आदमी की चिंता की जो विकास की रोशनी से दूर रहा। इसमें गरीब किसान, मजदूर, महिला, अनुसूचित जाति और जनजाति के साथ विश्व फलक पर भारत की ताकत को और मजबूत बनाने की कोशिश की। यह पहली बार हो रहा है कि मोदी सरकार पर निरंतर लोगों का विश्वास बना हुआ है। दुनिया के सबसे बड़े नेता के रूप में पहचान बनाने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर उनके सेवा और समर्पण की पुण्यायी का स्मरण करते हैं।

विजनरी मोदी सरकार देश के नागरिकों को वैशाखी और आश्रित रहने की आदत से मुक्ति दिलाने के लिए आत्मनिर्भर भारत मोदी सरकार का एक बड़ा फैसला है। आत्मनिर्भर भारत में भारत का हर नागरिक ना केवल स्वयं सक्षम होगा, बल्कि वह दूसरों को भी रोजगार देने की स्थिति में रहेगा। वह सरकारी और गैर-सरकारी नौकरी की मानसिकता से बाहर आकर स्वयं मालिक बनेगा। आत्मनिर्भर भारत को साकार करने के लिए मोदी सरकार प्रशिक्षण से लेकर ऋण और बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। इसका परिणाम यह देखने को मिला कि अनेक युवा नौकरी छोड़कर स्वयं के व्यवसाय की ओर प्रेरित हुए हैं। ऐसे युवाओं की कहानी अखबार के पन्नों पर लगातार पढने को मिल जाती है।

आजादी के 70 साल बाद भी भारत की बहुसंख्य जनता ने बैंक का दरवाजा नहीं देखा था या बैंक को लेकर उनके मन में भय था, उसे दूर करने के लिए प्रधानमंत्री जन-धन योजना शुरू की गई। इस योजना से आम आदमी और बैंक के बीच दोस्ती का रिश्ता कायम हो गया। यह योजना इतनी सफल रही कि इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल किया गया है। अब तक 46125 करोड़ खाते खुले हैं जिनमें महिला खाताधारकों की संख्या 25171 करोड़ है। इसी तरह उज्जवला योजना में 9134 करोड़ महिलाओं को लाभ मिल रहा है। यह भी देश में पहली पहली बार हो रहा है। देश के ऐसे लाखों परिवार हैं, जिनके सिर पर छत नहीं थी। उन सब लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देकर उन्हें उनका अपना घर दिलाया गया है। आने वाले वर्षो में ऐसा कोई परिवार नहीं होगा, जिनका अपना घर नहीं होगा। अब तक 2143 करोड़ प्रधानमंत्री आवास को मंजूरी दी गई है। यह मोदीजी के संकल्पों का नतीजा है।

जानते थे कि गरीबी क्या होती और वे गरीबों का दर्द मिटाने में जुट गए हैं। मोदी सरकार की प्राथमिकता में किसान सबसे ऊपर रहे हैं। स्वयं मोदी जी का मानना है कि अन्नदाता मजबूत होगा तो देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इस नाते बिचौलियों से मुक्ति दिलाने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, फसलों की कीमतों में समय-समय पर उचित निर्धारण, न्यूनतम दर पर ब्याज। किसानों की चिंता करते हुए नए कृषि कानून के माध्यम से उस बैरियर को तोड़ देना, जिसमें किसान अब अपनी उपज कहीं भी बेच सकता है। अपने जिले, राज्य में अपनी फसलों के विक्रय के लिए बंधे किसान को अब पूरा देश मिल गया है। आजादी के बाद किसानों के हक में लिया जाने वाला यह फैसला देश का सबसे बड़ा फैसला है। देश के 86 प्रतिशत गरीब किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपये प्रधानमंत्री सम्मान निधि दी जा रही है।

महिलाओं और अनुसूचित जाति एवं जनजाति समाज के साथ होने वाले व्यवहार से मोदीजी हमेशा से द्रवित रहे हैं। अब जब वे फैसला करने की स्थिति में हैं तो एक नहीं, कई फ़ैसले करने लगे हैं। विरोधियों के हौसले पस्त हैं। अनुसूचित जाति एवं जनजाति समाज के हक मैं ऐसे फैसले लिये गये हैं कि अब वे भी स्वयं को मुख्यधारा का नागरिक समझने लगे हैं। उन्हें भी इस बात का पहली पहली बार अहसास हो रहा है कि वे भी भारतवर्ष के नागरिक हैं। मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक जैसे शोषक कानून का खात्मा कर यह संदेश दिया कि महिलाओं पर अत्याचार कभी सहन नहीं किया जाएगा। महिलाओं और बेटियों के हक में जो प्रमुख योजना चलायी जा रही हैं उनमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना सुकन्या समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना, फ्री सिलाई मशीन योजना, प्रधानमंत्री समर्थ योजना है। मोदी सरकार इस योजना के माध्यम से महिलाओं के साथ होने

वाले घरेलू हिंसा को रोकने के लिए और महिलाओं की मदद के लिए शुरू किये हैं। इस योजना के तहत सरकार उन महिलाओं को कानून और चिकित्सा की सुविधा प्रदान करते हैं घरेलू हिंसा से पीडित महिलाओं की मदद करते हैं। ऐसा होने पर वे पीडित महिलाएं 181 पर कॉल कर सकती हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय मेडिकल परीक्षाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को दस प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए विभिन्न पहल की हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में मुद्रा लोन योजना में 23 करोड़ महिलाओं को लाभ मिला है और स्टैंडअप इंडिया में 24, 800 करोड़ का लोन मंजूर कर उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने की दिशा में पहल की गई है। सर्वाधिक उल्लेखनीय बात यह है कि इन योजनाओं का लाभ मिलने से समाज की सोच में बदलाव आया है और एक हजार पुरुषों की तुलना में एक हजार बीस महिलाओं की संख्या हो चुकी है। 

प्रधानमंत्री मोदीजी का स्वप्न है कि एक देश, एक झंडा हो और कश्मीर में धारा 370 खत्म कर बता दिया कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और जैसे अन्य प्रदेशों के लोगों का एक-दूसरे से संबंध है, वैसा ही रिश्ता अब कश्मीर का पूरे देश से होगा। यह एक कठिन फैसला था लेकिन दृढ संकल्प के नेता मोदीजी के लिए कुछ भी असंभव नहीं। वे भारत माता के सच्चे सपूत हैं और इस नाते वे भारतीय संस्कृति और परम्परा के सच्चे वाहक भी हैं। शंकराचार्य की मूर्ति की स्थापना कर उन्होंने अपने संत ऋषियों का अनुगमन करने का संदेश दिया है। इसके पहले लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की आदमकद प्रतिमा स्थापित कर युवा पीढ़ी को संदेश दिया हमारे ऐसे नेता थे, जिन्हें हाशिये पर रखा गया। एक आदर्श राजनेता के रूप में समाज में सरदार पटेल को स्थापित करने की उनकी सकरात्मक कोशिश का पूरे भारत ने स्वागत किया।

प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी जी किसी तरह का समझौता नहीं करते हैं। आयुध और देश की सुरक्षा की जरूरत के अनुरूप कई कड़े फैसले किये हैं। रॉफेल विमानों की खरीदी को विरोधी हवा देते रहे लेकिन उनके फैसलों से देश की सुरक्षा मजबूत हुई है विक्रांत की सफलता से पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। इसी तरह ब्रम्होस मिसाइल सिस्टम के लिए करार, अर्जुन एमके-1 ए, तेजस और आइएनएस का विशाखापत्तनम बेड़ा में शामिल हो जाना बड़ी उपलब्धि है। इसी तरह युवाओं में देशप्रेम की भावना भरने के लिए उन्होंने अग्रिवीर योजना का श्रीगणेश किया। इस योजना को लेकर भी भ्रम फैलाने की खूब कोशिश की गई लेकिन मोदी के आगे सब चित्त हो गए। आज युवाओं को अग्रिवीर बन जाने की ललक जाग उठी है। चार वर्ष सेना में रहकर देश सेवा करने का जो जज्बा उनके भीतर जागेगा, उससे राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण और प्रेम बढ़ेगा।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश की सीरत और सूरत दोनों ही बदल दी है। भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने जो चाबुक चलाया है, लोग कांपने लगे हैं। कोई यह बोलने की स्थिति में नहीं है। कि ईडी और सीबीआई ने छापों में जो करोड़ों-अरबों की अवैध कमाई का खुलासा किया है, वह गलत है। कालेधन के खिलाफ उनकी यह मुहिम भ्रष्टाचारियों के लिए एक सबक है। एक गरीब आदमी दो जून की रोटी के लिए परेशान है और देश का एक छोटा तबका अकूत धन और सम्पत्ति का मालिक बना बैठा है। सबका साथ, सबका विकास की उनकी सोच को उनकी यह मुहिम रंग ला रही है। निश्चित रूप से मोदी जैसा प्रधानमंत्री देश को मिलना भारत और उसकी जनता का भाग्य है। उम्र के इस पड़ाव में जब लोग थककर बैठ जाते हैं, तब भी लगातार काम करते रहना और देश को आगे ले जाने की उनकी धुन हम सबको प्रेरणा देती है। नरेन्द्र मोदी की इस देश को आने वाले पचास वर्षों तक जरूरत है। उनका यह जन्मदिन उनके लिए ही नहीं, पूरे देश के लिए मंगलकारी है। हम उनके यशस्वी जीवन की कामना करते हैं।

(लेखक : लाल सिंह आर्य ,भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं)

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