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मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सफल क्रियान्वयन होगा: परमार

Update: 2020-08-31 01:05 GMT

ग्वालियर, न.सं.। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और उसके क्रियान्वयन में हमारी भूमिका विषय पर बेविनार के माध्यम से व्याख्यान आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता अध्यक्ष, विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान डी.रामकृष्ण राव ने कहा कि सभी विकासशील देश भारत की ओर देख रहे हैं। भविष्य को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति एवं समूह के समग्र विकास हेतु इस शिक्षा नीति का क्रियान्वयन हुआ है। शिक्षक कैसा व्यवहार करता है यह शिक्षक पर निर्भर है। विद्यालय स्तर पर कार्य करने वाले लगभग 1.5 करोड़ आचार्य भारत में हैं। सरकार को चाहिए कि इतने बड़े तन्त्र को कैसे प्रशिक्षित किया जाए।

उन्होंने कहा कि हमारी शिशुवाटिका पद्धति सर्वश्रेष्ठ है, जिस पर विद्याभारती 40 वर्षों से निरन्तर कार्य कर रही है। पाठ्यचर्चा के साथ व्यक्ति निर्माण करने हेतु कला का समावेश करना कुछ आवश्यक गुण विद्यार्थियों मेें देना। वैज्ञानिक सोच, कला, सौन्दर्य बोध, टोली भाव, समस्या सुलझाना आदि गतिविधियों को जोडऩा यह आवश्यक है। समग्र मूल्यांकन पत्रक मूल्यांकन के बारे में सोचकर प्रगति पत्रक तैयार करना चाहिए। हमें स्व-मूल्यांकन/सहविद्यार्थी को ध्यान में रखकर एक मूल्यांकन पत्रक तैयार करना है। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि भारतीय शिक्षा नीति में अमूलचूल परिवर्तन हुआ है। प्रत्येक राज्य ने इसका स्वागत किया है। हम लोग भी विद्याभारती के सहयोग से आगे बढ़ेगे और इस नई शिक्षा नीति का सफल क्रियान्वयन कराएंगे। इस अवसर पर प्रांतीय संगठन मंत्री हितानंद शर्मा, शशिकांत फड़के, क्षेत्र संगठन मंत्री भालचन्द्र रावले, शुल्क निर्धारण समिति के अध्यक्ष डॉ. रविन्द्र कान्हेरे, प्रकाश बरतूनिया, डॉ. संजय पटवा, शिरोमणि दुबे आदि उपस्थित रहे। 

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