मध्य प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर से 3 लाख की ठगी: सीएम ऑफिस कर्मचारी बन किया फ्रॉड

Update: 2025-12-28 06:00 GMT

मध्य प्रदेश में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मुरैना के सबलगढ़ में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर अरविंद सिंह माहौर से करीब 3 लाख रुपए की ठगी हुई। ठगों ने खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय का कर्मचारी बताकर विभागीय जांच में सजा कम कराने का झांसा देकर डिप्टी कलेक्टर से 2 लाख 95 हजार रुपए ठग लिए।

जाने कैसे हुआ फ्रॉड

19 सितंबर 2025 की रात डिप्टी कलेक्टर के मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया। शुरुआत में उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की, लेकिन बाद में उसी व्यक्ति ने कलेक्टर महोदय के नाम से कॉल किया और खुद को सीएम पोर्टल अश्विनी” बताते हुए कहा कि विभागीय कार्रवाई में राहत के लिए कुछ राशि जमा करनी होगी।डिप्टी कलेक्टर ने 19 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच अलग-अलग समय पर ऑनलाइन वॉलेट और बैंक खातों के माध्यम से कुल 2,95,000 रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बावजूद ठग लगातार और रकम मांगते रहे।

शक होने पर खुद की जांच

शक होने पर डिप्टी कलेक्टर ने जांच की और पता चला कि सीएम ऑफिस में अश्विनी नाम का कोई कर्मचारी नहीं है। जब उन्होंने पैसे वापस मांगे तो आरोपी ने बातचीत बंद कर दी। इसके बाद उन्होंने 1930 साइबर हेल्पलाइन पर ई-जीरो FIR दर्ज कराई।

जाने क्या था डिप्टी कलेक्टर से जुड़ा विवाद

अरविंद माहौर पहले से ही सस्पेंड हैं. ग्वालियर की एक महिला ने उन पर बेटी को फोन कर परेशान करने का आरोप लगाया था। शिकायत में कहा गया कि SDM अरविंद माहौर ने पिछले एक साल से देर रात फोन कर गंदी बातें कीं और न उठाने पर रिश्तेदारों को धमकाया। महिला ने जनसुनवाई में वीडियो भी जमा किया जिसमें SDM अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते दिखे। शिकायत में कहा गया कि SDM ने धमकी दी कि “तेरी बेटी और भाभी में बहुत गर्मी है, झूठे केस में फंसा दूंगा।”

शिकायत के बाद डिप्टी कलेक्टर हुए थे निलंबित

महिला की शिकायत और सबूतों के आधार पर डिप्टी कलेक्टर को निलंबित कर दिया गया। सितंबर 2025 तक वह मुरैना के सबलगढ़ में एसडीएम थे और वर्तमान में चंबल संभागीय कार्यालय में अटैच हैं। यह मामला सरकारी अधिकारियों के साथ ऑनलाइन फ्रॉड और उनके पिछले विवादों दोनों को उजागर करता है।

ई-जीरो FIR अभियान

ग्वालियर थाटीपुर थाना में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। एएसपी अनु बेनीवाल ने बताया कि मध्य प्रदेश में ई-जीरो FIR अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को फ्रॉड का शिकार होने पर तुरंत ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने का प्रावधान है।

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