ग्वालियर में चिकित्सा महाविद्यालयों की व्यवस्थाएं सुधारने एनएमसी करेगा बदलाव

एनएमसी चिकित्सा महाविद्यालय का फिजिकल निरीक्षण भी कम ही करेगा

Update: 2024-04-14 23:45 GMT

ग्वालियर।  गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय सहित प्रदेश भर के चिकित्सा महाविद्यालयों की व्यवस्थाएं सुधारने के लिए अब नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) नियमों में बदलाव करने जा रहा है। नए नियमों के तहत अब चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सकों को अपने एनुअल डिक्लेरेशन फार्म में यह जानकारी भी भरकर देना होगी कि किस दिन कौन सी कक्षा ली है। इतना ही नहीं टॉपिक के अलावा थ्यौरी और प्रैक्टिकल के बारे में भी बताना होगा। वहीं अब अगर नए नियम लागू होते हैं तो ऐसे चिकित्सा शिक्षकों के लिए परेशानी खड़ी हो जाएगी जो कक्षाएं लेने से बचते थे, लेकिन अब उन्हें मजबूरी में कक्षाएं लेना पड़ेंगी।

इसी तरह एनएमसी चिकित्सा महाविद्यालय का फिजिकल निरीक्षण भी कम ही करेगा। क्योंकि एनएमसी महाविद्यालय के असेसमेंट के लिए आधार इनेबल्ड बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम (एईबीएएस) पोर्टल से डाटा का उपयोग करेगा। हालांकि आकस्मिक निरक्षण जारी रहेंगे, जिससे यह पता चल सके कि पोर्टल पर डाले जा रहे आंकड़ों और महाविद्यालयों के वास्तविक बुनियादी ढांचे की जांच हो सके।

बायोमेट्रिक दिल्ली से है कनेक्ट

महाविद्यालयों में चिकित्सकों की संख्या पता लगाने के लिए महाविद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक मशीन लगवाई है, जो एनएमसी दिल्ली से कनेक्ट है। इससे एनएमसी को किस महाविद्यालय में कितने स्टाफ हैं, जो रेगुलर आ रहे हैं, उसकी जानकारी मिल रही है। खासकर निजी महाविद्यालयों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है, क्योंकि निजी महाविद्यालयों द्वारा सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए कई बार गेस्ट फैकल्टी को भी स्थाई स्टाफ बताकर संख्या बता देते हैं। इस व्यवस्था से कोई भी महाविद्यालय वाले गलत जानकारी नहीं दे पाएंगे।

कैमरों से भी रखी जा रही नजर

महाविद्यालयों की गतिविधियों पर सीसीटीव्ही कैमरों से भी नजर रखी जा रही है। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय में भी सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं। कैमरो के माध्यम से महाविद्यालय की हरेक गतिविधियां, जिसमें चिकित्सकों के आने-जाने का समय, ओपीडी में मरीजों की संख्या, क्लास रूम में चिकित्सक क्या पढ़ा रहे हैं आदि पर नजर रखी जा रही है।

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