सांसद शेजवलकर ने लोकसभा में डीबीटी प्रणाली पर रखा अपना व्यक्तव्य
डीबीटी की सफलता के लिए जन धन खाते साबित हुए अतिमहत्वपूर्ण
ग्वालियर,न.सं.। सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने बुधवार को लोकसभा में नियम 377 के अधीन सूचना के तहत डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) प्रणाली के संबंध में अपना व्यक्तव्य प्रस्तुत किया। जिसमें उल्लेख किया कि जिन पात्र हितग्राहियों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था वे सभी डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) प्रणाली के माध्यम से लाभान्वित हो रहे है। डीबीटी की सफलता के लिए जन धन खाते अतिमहत्वपूर्ण साबित हुए। इसके साथ ही आधार को बैंक खाते के साथ जोडऩे पर सरकार ने बहुत ध्यान दिया, जिससे डीबीटी प्रणाली को लागू करने में मदद मिली।
वर्तमान में 15 से अधिक मंत्रालयों की योजनाएं डीबीटी के अंतर्गत आती हैं। परन्तु आज भी अनेकों हितग्राही अपने अधिकारों से वंचित है। देखने में आ रहा है कि मानवीय त्रुटि के चलते सही जानकारी दर्ज न होने से पात्र हितग्राही परेशान व लाभ से वंचित है। वितरण श्रृंखला पूरी तरह डिजिटल नहीं है, श्रृंखला में मानवीय हस्तक्षेप सभी समस्याओं की जड़ है, यह चिंता की बात है। डीबीटी को और अधिक सशक्त एवं सुचारू तरीके से क्रियान्वयन करने के लिए इसका पूरी तरह से डिजिटिलाइजेशन होना अति आवश्यक है।
सांसद शेजवलकर ने अपने व्यक्तव्य के माध्यम से सरकार से मांग की एक तंत्र स्थापित किया जाए कि शिकायतों का निराकरण जल्द से जल्द हो जाए। सरकार पूरी डिलीवरी चैन के एंड टू एंड डिलीवरी सिस्टम को पूरी तरह डिजिलिटीकरण व तत्काल त्रुटि सुधार करने के लिए कोई ठोस योजना बनाने पर विचार करना चाहिए।