कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए घातक है ICU में लगी ये मशीन

Update: 2020-11-25 02:00 GMT

ग्वालियर/वेब डेस्क। कोरोना काल में संक्रमित मरीजों को बचाने के लिए लाई गईं हाइफ्लो नोजल कैनुला मशीने अब मरीजों के लिए ही घातक साबित हो रही है। जिसका खुलासा खुद जांच दल ने किया है।

जिलाधीश कौशलेन्द्र विक्रम सिंह द्वारा बनाई गए जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट कहा है कि आग उपकरण के फटने से लगी थी। जबकि इससे पहले भी शिवपुरी, उज्जैन, इंदौर सहित अन्य जिले में भी उक्त मशीन के फटने के मामले सामने आ चुके हैं। उसके बाद भी शासन द्वारा उक्त कम्पनी पर न तो कोई कार्रवाई की गई। कोरोना के इलाज में हाई फ्लो ऑक्सीजन मशीन ज्यादा प्रभावी है। सामान्य मशीन से एक दिन में 5 से 10 लीटर ऑक्सीजन दी जा सकती है। जबकि हाई फ्लो ऑक्सीजन मशीन से 60 लीटर ऑक्सीजन दी जा सकती है। इसी के चलते प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश सहित ग्वालियर के कोविड अस्पतालों के लिए हाई फ्लो ऑक्सीजन मशीन खरीदने का निर्णय लिया।

  • शासन स्तर पर प्रदेश भर के लिए करीब 400 मशीनें खरीदी गई
  • इसमें से ग्वालियर में कुल 68 मशीनें भेजी गई हैं।
  • चीन के हांगकांग की विनसन मेडिकल कंपनी द्वारा निर्मित है मशीनें
  • जुलाई माह में उक्त मशीनों को डिसेंट सर्जीकल इंदौर द्वारा सप्लाई किया गया था।

मशीनों में लगातार आ रही खराबी को लेकर कई जगहों से शासन के पास शिकायते भी पहुंची। भोपाल में बैठे किसी भी अधिकारी ने उक्त मशीनों को सप्लाई करने वाली कम्पनी पर कोई कार्रवाई नहीं की।

इंजीनियर भी आए थे जांच करने

तीन माह पूर्व भी सुपर स्पेशलिटी के आईसीयू में रखी मशीन में विस्फोट हुआ था। उस समय अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों ने शासन सहित एच.एच.सी.सी. एजेंसी को भी पत्र लिखा। इसके बाद कम्पनी द्वारा एक इंजीनियर भेजा गया। जिसने बताया कि मशीन में डिस्टिल वाटर सही मात्रा में नहीं डालने से धमाका हुआ था। लेकिन अब दूसरी मशीन फटने से मशीन पर ही सवाल खड़े हो गए हैं।

इन्होने कहा -

मेरे पास अभी कोई जांच रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद ही मैं कुछ बता पाऊंगा। लेकिन तीन माह पूर्व हुई घटना की जानकारी शासन को दी जा चुकी थी।

डॉ. आर.के.एस. धाकड़, अधीक्षक, जयारोग्य चिकित्साल

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