वाहन चालकों की जल्दबाजी से बनते हैं जाम के हालात

फालका बाजार में पैदल निकलना भी मुश्किल

Update: 2020-11-23 01:00 GMT

ग्वालियर। यूं तो शहर के फालका बाजार में एक मार्गी व्यवस्था है, लेकिन यह व्यवस्था उस समय विकराल बन जाती है, जब पुलिस प्रशासन की अनुपस्थिति में यहां से निकलने वाले वाहन चालक नियम पालन की परिधि को तोड़ देते हैं। यहां सबसे बड़ी समस्या यह है कि हाट बाजार की तरफ से आने वाले वाहन चालक सडक़ पर आड़े खड़े हो जाते हैं। हालांकि पुलिस कर्मी व्यवस्था को संभालने का प्रयास भी करते हैं, लेकिन आम जनता जल्दी निकलने के फेर में जाम की स्थिति बना देते हैं।

आज फालका बाजार के आवागमन की स्थिति पर स्वदेश ने विशेष ध्यान दिया तो पाया कि वाहन चालकों की निरंकुशता के कारण ही जाम के हालात बनते हैं। जिसके बाद वाहन तो फसते ही हैं, पैदल निकलना तक मुश्किल हो जाता है। स्थिति यहां तक बन जाती है कि यातायात को रोककर परिवर्तित मार्ग से निकाला जाता है। राम मंदिर पुलिस चौकी पर तैनात पुलिस कर्मी हालांकि जाम लगने की स्थिति की प्रतीक्षा करते हैं, इसके बाद वाहनों को ऊंट पुल की ओर जाने का संकेत करते हैं। इसी प्रकार छप्पर वाला पुल से भी यातायात को डायवर्ट किया जाता है। जहां जाम के हालात बनते हैं, वहां व्यापारियों की दुकानें भी हैं। कभी कभी इन दुकानों के सामने भी वाहनों का खड़ा होना भी जाम का कारण बनता है।दुकानदारों द्वारा वाहन खड़े किया जाना उनकी मजबूरी हो सकती है, लेकिन इससे वाहन चालकों को निकलने में खासी परेशानी होती है। यह तो समस्या है ही, साथ आम जनता भी किसी भी स्थिति में सबसे आगे रहने की स्थिति में रहती है। धैर्य की स्थिति में कोई नहीं रहता। आम जनता अगर थोड़ा संयम रखे तो जाम की स्थिति से छुटकारा मिल सकता है।

यहां सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह भी है कि आम जनता नियम पालन करने की वृति क्यों नहीं अपनाती? सब नियम तोडऩे पर आमादा क्यों रहते हैं? आम जनता चौराहे पर लाल संकेतक होने पर उसी समय रुकते हैं, जब कोई पुलिसकर्मी चौराहे पर खड़ा हो। समाज अगर धैर्य के साथ नियमों का पालन करे तो बहुत समस्याओं का समाधान अपने आप ही हो जाएगा। हमें विचार करना होगा कि अगर हम समाधान का हिस्सा नहीं हैं तो फिर हम ही समस्या हैं। इसका आशय यही है कि हम स्वयं समस्या निर्मित कर रहे हैं। यातायात को सुगम बनाने के लिए नियम पालन करना बहुत ही आवश्यक है।

कोरोना को भी बढ़ा सकते हैं जाम के हालात-

अभी कोरोना की स्थिति ठीक नहीं है, बल्कि पहले की अपेक्षा अधिक घातक होती जा रही है। कोरोना के लिए शासन और प्रशासन के निर्देशों के अंतर्गत यही अपील की जाती है कि हम भीड़ से दूर रहें। शारीरिक दूरी का पालन करें और चेहरे पर मास्क लगाकर रखें। लेकिन जाम में इस अपील को पूरी तरह से भुला दिया जाता है। दूरी की बात तो छोडि़ए, लोग सटकर खड़े होने की स्थिति में आ जाते हैं। ऐसी स्थिति में कोरोना कम होने की बजाय बढऩे की अवस्था में आएगा। ऐसा लगता है कि आम जनता जीवन के खतरों के प्रति पूरी तरह से लापरवाह होती जा रही है। कोरोना से बचना है तो हमें स्वयं ही कोरोना के नियमों का पालन करना होगा। किसी के कहने से हम नियम पालन करें तो यह स्थिति कोरोना को बढऩे से रोक नहीं सकता।

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