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कलेक्शन एजेंट ने ही रची थी लूट की कहानी, साथ सहित आरोपी गिरफ्तार

बिजौली थाना क्षेत्र में कट्टा अड़ाकर बताई थी लूट की घटना

Update: 2020-09-20 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। बिजौली थाना पुलिस ने कलेक्शन एजेंट के साथ हुई फर्जी लूट का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को पकड़ लिया है। घटना किसी बदमाश ने नहीं स्वयं कलेक्शन एजेंट ने अपने साथी के साथ लूट की फर्जी कहानी रची थी। पुलिस ने मास्टरमाइंड एजेंट और उसके साथी से नगदी बरामद कर मामला दर्ज कर लिया है।

पुलिस के अनुसार एमएच चौराहा मुरार निवासी सोनवीर पुत्र मनोहरसिंह जाट मित्रता फायनेंस कम्पनी में कलेक्शन एजेंट का काम करता है और अभी हाल ही में शहर में आया है। सोनवीर ने 4 सितम्बर को बिजौली थाना पुलिस को सूचना दी कि उसके साथ हाइवे पर दो बदमाशों ने कट्टा अड़ाकर दो लाख से ज्यादा की नगदी लूट ली है। पुलिस को मामला संदेहास्पद प्रतीत हो रहा था और जब पुलिस ने सोनवीर के मोबाइल की कॉल डिटेल को खंगाला तो वह एक नम्बर पर लगातार बात कर रहा था। फतेहपुर का नम्बर होने और फरियादी के भी वहीं का होना पर मामला संदेहास्पद लगा। घटना के समय मोबाइल नम्बर धारक की लोकेशन भी बिजौली के आसपास आ रही थी। पुलिस को शंका होने पर सोनवीर को थाने बुलाकर कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गया और उसने अपने साथी अनिल जाट निवासी फतेहपुर के साथ मिलकर लूट की फर्जी कहानी रचना स्वीकार कर लिया। चार सितम्बर को सोनवीर ने अपने ही गांव के अनिल को उसके हिस्से के 90 हजार रुपए यह देकर गांव भेज दिया और बोला कि वह किसी से कुछ नहीं बताए। जबकि एक लाख 20 हजार रुपए स्वयं उसने रख लिए। अनिल का नाम सामने आते ही पुलिस ने उसे भी दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों के कब्जे से नगदी बरामद कर उनके खिलाफ लूट का मामला दर्ज कर लिया गया। इस संबंध में बिजौली थाना प्रभारी उपनिरीक्षक सुरजीत परमार का कहना है कि फरियादी की कॉल डिटेल पर शंका होने पर उससे कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गया और फर्जी लूट का पर्दाफाश हो गया।

नौकरी लगते ही आया नियत में खोट

सोनवीर जाट ने मित्रता फायनेंस कम्पनी में 18 अगस्त को ही नौकरी ज्वाइन की है। ग्वालियर आते ही पदस्थापना के बाद उसकी नियत में खोट आ गया और उसने अपने दोस्त अनिल जाट को अपने पास बुला लिया। अनिल को यह कहकर रकम दी थी कि में सब संभाल लूंगा। पुलिस का कहना है कि सोनवीर अय्याशी प्रवृति का युवक है और इसलिए उसने झूठी कहानी लूट की घटना पुलिस को गुमराह करने के लिए सुनाई थी।

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