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ग्वालियर : कोरोना के डर से 50 आइसक्रीम की फैक्ट्रियां होंगी प्रभावित

अब कौन पीएगा कोल्ड ड्रिंक और कौन खाएगा आइसक्रीम

Update: 2020-04-22 09:23 GMT

ग्वालियर, न.सं.। गर्मी का सीजन शुरू हो गया है। इस समय में कोल्ड ड्रिंक, आइसक्रीम, लस्सी, मट्ठा आदि ठंडे पेय पदार्थों की जबरदस्त मांग निकल आती थी, लेकिन कोरोना वायरस के डर के कारण इनकी मांग निकलना पूर्ण रूप से खत्म हो गई है। मांग नहीं निकलने के कारण इस बार इन पेय पदार्थों का सीजन ही खराब हो गया है और उद्योग व्यापार भी चौपट हो रहा है। साथ ही इस उद्योग में लगे कई लोग बेकार हो गए हैं। साथ ही ग्वालियर में आइसक्रीम की लगी 50 फैैक्ट्रीयां तक शुरू नहीं पाई हैं। इससे 35 से 40 प्रतिशत आइसक्रीम का व्यापार प्रभावित हो सकता है। यहां तक कि लोगों ने डर के कारण अपने घर के फ्रीजों में ठण्डा पानी तक रखना बंद कर दिया है।

चिकित्सकों द्वारा लोगों को सलाह दी जा रही है कि कोरोना वायरस के फैले इस संक्रमण में गर्म पेय पदार्थों का उपयोग करें, ठण्डे पेय पदार्थों से दूरी बनाए रखें। ठण्डे पेय पदार्थों का उपयोग करने से गला खराब हो सकता है। चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना सबसे पहले गले को जकड़ता है, इसलिए ठण्डे पेय पदार्थों का सेवन खतरनाक है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए बाजार में ठण्डे पेय पदार्थों का बिकना और खरीदना बंद हो चुका है। डर की वजह से बच्चे भी इन पदार्थों की मांग नहीं कर रहे हैं।

पांच करोड़ से अधिक का होगा नुकसान:-

अप्रैल का माह चल रहा है। आगामी तीन मई तक देश में लॉक डाउन है। इसके उपरांत कैसी परिस्थितियां बनती हैं और कौन-कौन से व्यापार शुरू होते हैं यह बाद में पता चलेगा। व्यापारियों के अनुसार आने वाले समय में अगर स्थितियां नहीं सुधरी तो पेय पदार्थों का कारोबार पूरी तरह से ठप हो जाएगा और पांच करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान होगा।

'चिकित्सकों द्वारा सलाह दी जा रही है कि गर्म पेय पदार्थ पिएं, ऐसे में कौन आइसक्रीम खाएगा और कोल्ड ड्रिंक पीएगा। फिलहाल तो फैक्ट्री मालिकों को आइसक्रीम बनाने के लिए कच्चा माल ही नहीं है। इस बार के सीजन में जबरदस्त नुकसान होने की संभावना है।'

सुरेश बंसल

उद्योगपति

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