चंबल की रेत किसके संरक्षण में? प्रतिबंध के बावजूद माफिया का बेरोक धंधा, विभागीय कार्रवाई नाकाफी
मप्र के मुरैना जिले की सीमा से बहने वाली चंबल नदी में घड़ियाल और डॉल्फ़िन जैसी विलुप्तप्राय जलीय प्रजातियों के संरक्षण के उद्देश्य से रेत खनन पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके बावजूद चंबल नदी में बड़े स्तर पर अवैध खनन जारी है। चंबल से रेत चोरी और अवैध परिवहन रोकने के लिए नियुक्त वन, खनिज विभाग, पुलिस और प्रशासन के दावों के बावजूद राजनीतिक संरक्षण में रेत माफिया का अवैध उत्खनन निरंतर जारी है।
कार्रवाई के आंकड़े
ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट से विधायक सतीश सिकरवार द्वारा विधानसभा में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में पुलिस और वन विभाग ने अपनी-अपनी कार्रवाई के आंकड़े प्रस्तुत किए हैं। सामान्य वन मंडल की जिन टीमों ने 2024 में रेत उत्खनन और परिवहन पर रेत माफिया के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 के अंतर्गत कुल 260 प्रकरण पंजीबद्ध किए थे, वहीं वर्ष 2025 के 11 महीनों में केवल 23 प्रकरण ही पंजीबद्ध हुए।
पुलिस ने दर्ज किए कुल 64 प्रकरण
मुरैना जिले की पुलिस ने 1 जनवरी 2024 से 11 नवंबर 2025 के बीच चंबल की रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन के कुल 64 प्रकरण दर्ज किए। इनमें से 15 प्रकरण मुरैना नगर निगम क्षेत्र के थानों में, जबकि 49 प्रकरण ग्रामीण क्षेत्रों में दर्ज हुए। वर्ष 2024 में 39 और वर्ष 2025 में 19 प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
रेत चोरी पर तीन वनकर्मियों पर कार्रवाई
राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य, मुरैना में रेत माफिया से मिलीभगत की शिकायत पर वन विभाग के तीन कर्मचारियों को निलंबित कर विभागीय जांच संस्थापित की गई है।वनपाल जयनारायण जाटव पर रेत माफिया के साथ संलिप्तता एवं विभागीय कार्यों की जानकारी खनन माफिया तक पहुंचाने के आरोप हैं।
वनरक्षक प्रभाकर शर्मा और आकाश शर्मा पर रेत माफिया को संरक्षण देने, अवैध रेत उत्खनन कराकर वसूली करने, माफिया के साथ शराब पीकर अधीक्षक कार्यालय में उपद्रव करने और अनुशासनहीनता के आरोप लगाए गए हैं।पुलिस उप निरीक्षक एवं तत्कालीन थाना प्रभारी टैंटरा सुखदेव सिंह, कार्यवाहक सहायक उप निरीक्षक तथा तत्कालीन चौकी प्रभारी राजौधा नारायण सिंह तोमर, सबलगढ़ थाने के आरक्षक सुभाष गुर्जर और अमर सिंह रावत, तथा थाना प्रभारी देवगढ़ एवं आरक्षक अभिषेक सिंह भदौरिया के विरुद्ध भी पुलिस शिकायत शाखा में शिकायतें दर्ज हुई थीं, लेकिन इन्हें अप्रमाणित बताकर समाप्त कर दिया गया।
चंबल अभयारण्य में रेत उत्खनन से एनजीटी नाराज़
राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य के आसपास अवैध रेत उत्खनन से नाराज़ राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने मप्र सरकार से वर्ष 2024 में हुए उत्खनन तथा उस पर रोक के उपायों के संबंध में हलफनामा मांगा था। एसीएस, पर्यावरण विभाग द्वारा 8 अक्टूबर 2025 को दायर हलफनामे में बताया गया कि वर्ष 2024 में कुल 46,118.55 घन मीटर रेत जब्त की गई थी।
पुलिस और वन विभाग ने स्वीकारी रेत चोरी
विधायक सिकरवार द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में मुरैना पुलिस अधीक्षक तथा वन मंडल अधिकारी दोनों ने ही स्वीकार किया है कि प्रतिबंध के बावजूद चंबल नदी में माफिया अवैध रेत उत्खनन कर रहा है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि चोरी-छिपे हो रहे रेत उत्खनन एवं परिवहन की सूचना मिलने पर खनिज विभाग के साथ समन्वय बनाकर पुलिस कार्रवाई करती है।