अब जबलपुर और ग्वालियर भी घोषित होंगे महानगरीय क्षेत्र

Update: 2025-12-11 04:30 GMT

मुख्यमंत्री ने ली पीएचई और लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक

महानगरीय क्षेत्रों और आसपास के इलाकों में राजमार्गों का घनत्व बढ़ाया जाए, ताकि सड़क संपर्क राष्ट्रीय स्तर के करीब पहुँच सके। जल्द ही जबलपुर और ग्वालियर को भी महानगरीय क्षेत्र घोषित किया जाएगा। शहरी विकास की एकीकृत नीति बनाने में लोक निर्माण विभाग को शामिल किया जाए। प्रस्ताव इस आधार पर तैयार किया जाए कि ग्रामीण, शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों को समान रूप से विकास का लाभ मिले। यह बात मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में कही।

मुख्यमंत्री के निर्देश

बैठक में मुख्यमंत्री ने ऊर्जा, बिजली और पानी की बचत के उद्देश्य से सूरत के डायमंड पार्क की तर्ज पर ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट के तहत भवन निर्माण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट के आधार पर राजमार्ग घनत्व बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया जाए और इसमें स्थानीय सुझावों को भी शामिल किया जाए।

एक्सप्रेस-वे में ग्रामीण सुविधाओं पर ध्यान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एक्सप्रेस-वे आधुनिक समय की मांग है। इन अधोसंरचनाओं के विकास में ग्रामीण क्षेत्र की सुविधाओं का ध्यान रखा जाए। आवश्यकतानुसार फ्लाईओवर, अंडरपास और सर्विस लेन को प्रस्ताव में शामिल किया जाए। राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर सतत संधारण, हरियाली, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा मार्कर्स मानक अनुसार किए जाएं। भवन निर्माण में भी वास्तु-विज्ञान, प्राकृतिक संसाधनों और ऊर्जा संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाए।

सिंहस्थ से जुड़े कार्य जून 2027 तक पूरे होंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ 2028 से जुड़े कार्य प्राथमिकता पर शुरू किए जा रहे हैं और दिसंबर अंत तक कार्य प्रारंभ कर दिए जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी कार्य जून 2027 तक पूर्ण किए जाएं।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने विशेष रूप से जोर दिया कि जल स्रोतों में सीवरेज का दूषित जल किसी भी स्थिति में न पहुँचे और इसके लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाए।

मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सरपंचों और महिला समूहों को राज्य, संभाग, जिला और ग्राम स्तर पर सम्मानित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मार्च 2027 तक यह कार्य पूर्ण कर राष्ट्रीय स्तर पर मिसाल पेश की जाएगी।

जल संकट में निजी ट्यूबवेल का उपयोग

विगत 10 वर्षों में जिन ग्रामों को जल संकट का सामना करना पड़ा है, उनकी रिपोर्ट तैयार कर उन क्षेत्रों में जल प्रदाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। गाँव के ऐसे ट्यूबवेल की सूची बनवाएं, जिनमें हमेशा पानी रहता हो और ट्यूबवेल मालिक सेवाभावी हों। आवश्यकता पड़ने पर इन ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति कराई जाए। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

एमपीआरडीसी और बीडीएस की बैठक

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) और मध्यप्रदेश भवन विकास निगम (बी.डी.सी.) के संचालक मंडल की बैठक हुई। एमडी एमपीआरडीसी भरत यादव ने निगम के चल रहे कार्यों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी प्रस्तुत की। इसी प्रकार, एमडी बी.डी.सी. सिवी चक्रवर्ती ने भवन विकास निगम के कार्यों और आगामी कार्ययोजना का विवरण दिया।

वित्तीय लक्ष्य

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2024-25 में 12,990 करोड़ रुपये का व्यय कर 92.89 प्रतिशत वित्तीय लक्ष्य हासिल किया गया। वर्ष 2025-26 में 6,016 करोड़ रुपये का व्यय किया गया, जिसमें 30 सितंबर 2025 तक 35.11 प्रतिशत की प्रगति हुई।

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