मैं वंदे मातरम नहीं गाऊंगा... कांग्रेस के इस MLA के बयान से गरमाई सियासत, BJP का तीखा पलटवार

देश में इन दिनों वंदे मातरम को लेकर सियासत गरमाई हुई है। देश की संसद में इस पर चर्चा हो रही हैं। इस बीच कांग्रेस के विधायक के बयान के बाद एमपी में बीजेपी ने पलटवार किया है।

Update: 2025-12-11 09:47 GMT

भोपालः भारतीय इतिहास में वंदे मातरम एक ऐसा गीत है जिसने आजादी की लड़ाई में करोड़ों भारतीयों के दिलों में जोश भर दिया था। आज वह विवादों के केंद्र में है। गीत के 150 साल पूरे होने पर जब सदन में चर्चा हुई तो पुराना राजनीतिक विवाद सामने आ गया। अब कई जनप्रितिनिधि की प्रतिक्रिया और उन पर पलटवार सामने आ रहे हैं। ताजा मामला भोपाल से सामने आया।

दरअसल, कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वह वंदे मातरम नहीं गाएंगे। उनके बयान के बाद एमपी की राजनीति गरमा गई है और बीजेपी ने तीखा हमला बोला है। जहां उनके बयान पर बीजेपी की प्रवक्ता से लेकर विधायक रामेश्वर शर्मा की प्रतिक्रिया सामने आई है।

क्या ये मौलाना आजाद से बड़े हैं?

मामले को लेकर बीजेपी की प्रवक्ता डॉ गुलरेज शेख ने कहा कि मौलाना आजाद ने वंदे मातरम दिया और वंदे मातरम हमारा राष्ट्रीय गीत है। यह राष्ट्रीय गीत संविधान सभा से बना है और उसी संविधान सभा में मौलाना आजाद रहे हैं। वहीं, विधायक मसूद का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि जो यह सब कह रहे हैं वो मौलाना आजाद से बड़े नहीं है, न नॉलेज में हैं, न राष्ट्रवाद में हैं और न ही इस्लामिक ज्ञान में हैं।

रामेश्वर शर्मा ने किया पलटवार

आरिफ मसूद के राष्ट्रगीत नहीं गाने वाले बयान पर बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मजहब के हिसाब से हिंदुस्तान में रहोगे या हिंदुस्तान के हिसाब से हिंदुस्तान में रहोगे। शर्मा ने आगे कहा आरिफ मसूद जैसे लोगों को कान खोलकर सुन लेना चाहिए कि जब तु्म्हारा मजहब वंदे मातरम गाने के लिए मना करता है, तो वोट के खातिर बिना नहाए मंदिर जाकर पूजा की थाली पकड़ लेते हो। लंबा त्रिपुंड लगवा लेते हो। वो मजहब तब आड़े नहीं आता। आपके मजहब में मूर्ति पूजा करना मना है न, तो फिर वोट के खातिर चुनरी ओढ़ रहे हो, वोट के लिए देवी जागरण कर रहे हो। वोट की खातिर मंदिरों में घुसकर आरती कर रहे हो।

राष्ट्रगीत गाने के लिए मजहब क्यों आड़े आ रहा

शर्मा ने आगे सवाल करते हुए पूछा कि जब राष्ट्रगान गाने के लिए,राष्ट्रगीत गाने के लिए और भारत माता की जय बोलने के लिए मजहब मना कर रहा है। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि धन्य हो ऐसे मजबह के मानने वालों!

जिन्ना की मानसिकता लेकर चल रहे

शर्मा यही नहीं रुके उन्होंने कहै कि जब मजहब से ही बेईमानी करने पर उतरे हो, स्वार्थी लोग हो। इसके कारण ही तो हिंदुस्तान का विभाजन हुआ था। पहले जिन्ना का स्वार्थ आड़े आया तो देश का विभाजन हुआ। अब इन जैसे कांग्रेसी फिर वंदे मातरम की 150वीं साल पर जब पूरा विश्व, पूरा भारत वंदे मातरम की यशोगाथा गा रहा है, तुम वंदे मातरम गाने से मना कर रहे हो। इसका मतलब यह है कि ये सुधर नहीं सकते यह आज भी जिन्ना की मानसिकता लेकर चल रहे हैं।

शर्मा ने लोगों को चेताते हुए कहा कि अब हिंदुस्तानियों को सोचना है कि जो तुम्हारा राष्ट्रगान न गाए और राष्ट्रगीत वंदे मातरम न गा पाए, जो भारत माता की जय ना बोल पाए, वह बात वह भारत माता के प्रति वफादार होगा या पाकिस्तान के टुकड़ों पर पलने का काम करेगा?

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