कांग्रेस का विस्फोटक सेक्युलर चेहरा चुनावों में हो रहा उजागर
कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र मेें हिंदू मतदाता को रिझाने के लिए गौ कार्ड खेला लेकिन कांग्रेस के प्रबंधकों को इससे ही संतोष नहीं हो रहा था। उन्होंने अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में 90 फीसदी मतदान कराने का वीडियो वायरल करवा दिया।
स्वदेश वेब डेस्क/मृत्युंजय दीक्षित। पांच प्रांतों में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया अब समापन की ओर अग्रसर है। जनता इस बार बहुत ही शांत तरीके से भारी मतदान कर रही है जिसके कारण सर्वेकर्ता और बूथ मैनेजमेंट करने वाले, सभी लोग हैरान हैं।लगभग सभी का यही कहना है कि इस बार मतदाताओ में जिस प्रकार का भारी उत्साह देखा जा रहा है, वह काफी हैरान करने वाला है। लोकतंत्र में चुनाव परिणाम कुछ भो हो सकते हैं। फिर भी इस बार के विधानसभा चुनावों में भाजपा व कांग्रेस सहित महागठबंधन बनाने में लगे सभी दलों की रणनीति में काफी बदलाव देखने को मिला है। सबसे अधिक चर्चा कांग्रेस की हो रही है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पीएम नरेंद्र मोदी व भाजपा को हराने के लिए हर प्रकार की रणनीति अपनाते नजर आये हैं । काग्रेस इस बार के विधानसभा चुनावों में उदार हिंदू समाज के हर वर्ग से लेकर किसानों, बेरोजगार, युवाओं और महिला सुरक्षा सहित अल्पसंख्यकों को भी रिझाने का कोई अवसर नहीं छोड़ रही है। विधानसभा चुनावों में कांग्रेेस ने इस बार छत्तीसगढ़ से लेकर तेलंगना तक धर्म और जातिवाद की राजनीति करने की हर प्रकार की सीमाओं को तोड़ दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर हिंदू जनमानस में उदारता का भाव जगाने व दिखाने का गहरा दबाव था। इसके कारण चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने वहीं अपनी रणनीति बनायी जो गुजरात औेर कर्नाटक विधानसभा चुनावों के दौरान बनायी थी। राजस्थान में राहुल गांधी ने अपनी रणनीति को आगे बढ़ाते हुए अपना गोत्र तक बता दिया। सभी राज्यों में किसानों के बीच जाकर कर्जमाफी का जोरदार दावा कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक इसे राहुल गांधी का ब्रह्मास्त्र भी बता रहे हैं लेकिन गोत्र प्रकरण में वह फंसते नजर आये हैं। इसके पहले वह जनेऊधारी ब्राह्मण बन गये थे और उनको नकली ब्राह्मण कहकर उनका मजाक बनाया जा रहा था।
कांग्रेस युवराज राहुल गांधी चुनावों में हिंदी फिल्मों के उस हीरो जैसे लगे, जो अपनी नायिका का दिल जीतने के लिए हर कोशिश करता है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में तो कांग्रेस ने अपने सभी हथियारों को बखूबी अजमाया है। कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र मेें हिंदू सवर्ण मतदाता को रिझाने के लिए गौ कार्ड खेला लेकिन कांग्रेस के प्रबंधकों को इससे ही संतोष नहीं हो रहा था। उन्होंने अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में 90 फीसदी मतदान कराने का वीडियो वायरल करवा दिया। वीडियो में कमलनाथ की ओर से कहा जा रहा था कि अल्पसंख्यकों की ओर से हर हाल में 90 फीसदी मतदान होना ही चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो एक बार फिर विधानसभा चुनाव जीतना बेहद कठिन हो जायेगा। साथ ही मुस्लिमों को रिझाने के लिए संघ व उसकी शाखाओं पर प्रतिबंध लगाने की भी बात कही गयी। मतदान के दिन व उसके बाद यह भी खबरें आ रही हैं कि कांग्रेस के बूथ मैनेजरों ने अपने मुस्लिम मतदाताओं को घरों से बाहर निकालने पर अधिक जोर दिया। इसके विपरीत वह हिंदू समाज व सवर्ण मतदाता को निकालने पर उतना ध्यान नहीं दे रहे थे। यहां पर भी कांग्रेस का अल्पसंख्यक प्रेम नजर आया है । 'बूथ जीतो' पर जोर दे रही बीजेपी के रणनीतिकारों को कांग्रेस व विरोधी दलों की इस रणनीति को अभी से समझना होगा। लगता है कि वह इसी प्रकार की रणनीति को आगामी लोकसभा चुनावों में भी अपनाने जा रहे हैं।
कांग्रेस का सबसे विस्फोटक चेहरा तेलंगाना में सामने आ गया है। तेलंगाना में कांगेस ने अपने सहयोगी दलों के साथ जो चुनावी घोषणापत्र जारी किया है, उसमें अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए सच्चर कमेटी और सुधीर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की बात कही गयी है। इससे भी अधिक कांग्रेस अपने चुनावी वादों से कहीं आगे निकलती नजर आ रही है। तेलंगाना चुनाव घोषणा पत्र में कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों को लुभाने के लिए बहुत बडे़ वादे कर दिये हैं। अपने घोषणा पत्र में उसने मस्जिदों और चर्च को मुफ्त बिजली, इमाम और पादरियोें को हर महीने वेतन और वक्फ बोर्ड को न्यायिक शक्ति देने सहित कई वादे किये हैं। घोषणापत्र के मसौदे के अनुसार गरीब अल्पसंख्यकों को लुभानेे के लिए कई वादे किये गये हैं। इनमें गरीब छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिये 20 लाख का लोन दिया जायेगा जबकि बीपीएल कार्ड धारकों को घर बनाने के लिये 5 लाख रुपये दिये जायेंगे। कांग्रेस ने सत्ता में आने पर उर्दू को दूसरी राज्यभाषा का आधिकारिक दर्जा देने का भी वादा किया है। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने दलित ईसाइयों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने के साथ दो बेडरूम का घर देने का वादा भी किया है। मुस्लिम ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के लिए अलग से तीन वित्तीय निगम स्थापित करने भी बात की है। आज यही कांग्रेस व महागठबंधन का असली चेहरा है। कांग्रेस झूठ और नकली धर्मनिरपेक्षता का जहर उगलकर एक बार फिर सत्ता में आने का ताना बाना बुन रही है। अगर कांग्रेस की यह साजिश सफल हो गयी तो देश एक बार फिर अंधकार के गहरे युग में चला जायेगा इसलिए हिंदू जनमानस को सोते समय भी लगातार जगना है। अगर वह जागते समय भी सो गया तो यह समस्त भारत के हिंदू जनमानस और भारत का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा । लगता है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी चुनाव आयोग के हाथ बंधे हुए हैं। अब समय आ गया है कि चुनाव आयोग धर्म के आधार पर जारी होने वाले घोषणापत्रों पर स्वतः संज्ञान लिया करे। वाकई कांग्रेस का चरित्र उसकी दोहरी मानसिकता और कन्फयूजन बार -बार उजागर होता है। इन सबके बावजूद अभी कांग्रेस मुक्त भारत का सपना पूरा होना आसान ही नहीं, बहुत कठिन होता नजर आ रहा है।