स्व. अटल जी के विकास पथ के सारथी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी- नरेन्द्र सिंह तोमर
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी की 100 वीं जन्म जयंती पर विशेष आलेख
PM Modi's Article Atal Bihari Vajpayee 100th Birth Anniversary
भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की 100 वीं जन्म जयंती हम इस वर्ष मना रहे हैं। भारत के विकास का जो मॉडल स्व. अटल जी ने देश को दिया वह सेवा, सुशासन, गरीब कल्याण और पारदर्शिता की नींव पर खड़ा होता है। उसमें ‘सबका साथ-सबका विकास’ की भावना प्रस्फुटित होती है और देश के चतुर्दिक विकास के सभी आयामों को वो छूता है। स्व. अटल जी ने इक्कीसवी सदी के प्रारंभ में ही भारत के विकास के लिए एक ऐसा विजन हम सभी को दिया था, जिसमें हर वर्ग और हर क्षेत्र के कल्याण का मंत्र था। आज हम गर्व से यह कह सकते हैं कि स्व. अटल जी ने ‘विकास पथ’ का जो रोड मैप बनाया था हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी उस पर राष्ट्र को अग्रसर कराने के लिए सारथी हैं, और यही विकसित भारत की यात्रा है।
अटल जी सिर्फ राष्ट्र नायक ही नहीं थे, वे जन नायक भी थे। वे भारत की करोड़ों करोड़ जनता के ह्दय पर पर राज करते थे। स्वतंत्रता संग्राम में सहभागिता, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के समर्पित स्वयं सेवक, सदैव आदर्श एवं सिद्धांतों के साथ राजनीति करने करने वाले राजनेता, निष्पक्ष कार्यशैली, शब्दों के शिल्पी और संवेदनशील कवि, ओजस्वी वक्ता, दूरदर्शी सोच एवं दृढ़ संकल्पी कृतित्व के धनी, जनता के लिए सहज एवं सरल जैसे अनेक गुणों के कारण ही विराट व्यक्तित्व के धनी थे और ऐसा व्यक्तित्व बिरला ही होता है। आज अटल जी के सिद्धांतों की उंगली पकड़ कर राष्ट्रसेवा की राह पर चलने वालों की एक पीढ़ी भारतवर्ष में है। भारतीय जनता पार्टी की नीतियों और कार्यों में उन्हीं की वाणी की अनुगूंज सुनाई देती है।
अटल जी राजनीति के ऐसे अजातशत्रु थे, जिन्होंने पक्ष-विपक्ष से उपर उठकर समभाव और सामंजस्य एक नई मिसाल बनाई थी। अटल जी का ध्येय वाक्य ही था कि ‘छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता’। वे विपक्षी दलों को भी साथ लेकर चलने की कला जानते थे। अपने बड़े मन की उदारता के बल पर ही विपक्ष में रहते हुए भी सत्ता पक्ष के नेताओं से ज्यादा वे देश में लोकप्रिय हुए। 1994 में संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार आयोग में पाकिस्तान द्वारा मानवाधिकार हनन के लगाए गए झूठे आरोपों का जवाब देने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिम्हाराव द्वारा भेजे गए दल का प्रतिनिधित्व किया था। अटल जी तब विपक्ष के नेता थे और उन्होंने दलों की दहलीज से उपर राष्ट्र सर्वोपरि की भावना से भारत की ओर से सशक्त जवाब पेश किया था। पाकिस्तान ने बाद में अपना प्रस्ताव वापिस ले लिया था और भारत की जीत हुई थी।
अटलजी सदैव राजनीति में शुचिता और सुशासन के प्रबल पक्षधर रहें। उनका कहना था कि हमें सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं मिली है, यह जनकल्याण और राष्ट्र के समग्र विकास की जिम्मेदारी का दायित्व है। हमारे हर काम में पूर्ण पारदर्शिता और शुचिता होना चाहिए ताकि हम सुशासन को स्थापित कर सके। अटल जी ने प्रधानमंत्री रहते हुए भविष्य के भारत की एक ऐसी नीव रखी जिसमें गांव से लेकर शहर तक और किसान से लेकर जवान और विज्ञान तक का अद्भुत समन्वय था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी आधारभूत योजना जो आज ग्रामीण भारत की धमनियों के रूप में काम कर रही है से लेकर स्वर्णिम चतुर्भुज के माध्यम से देश को सड़क मार्ग से जोड़कर विकास की नई गति देना अटल जी का ही दूरदर्शी कदम था।
देश में कृषि क्षेत्र में सुधार की आधारशिला स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी के कार्यकाल में ही रखी गई। अटल जी के कार्यकाल में ही कृषि सुधार के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग का गठन किया था। इस आयोग ने 2006 में अपनी रिपोर्ट पेश की लेकिन यूपीए की तत्कालीन सरकार ने उस रिपोर्ट पर कोई कदम नहीं उठाया और 2014 में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कार्यभार ग्रहण करने के बाद राष्ट्रीय कृषि आयोग की अनुशंसाओं को लागू करना प्रारंभ किया गया।
स्व. अटल जी के कार्यकाल में ही मंडियों के लिए मॉडल एक्ट बने। किसानों को क्रेडिट कार्ड देने की सुविधा अटल बिहारी वाजपेयी जी ने ही शुरू की थी। उनके ही कार्यकाल में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 19.6 प्रतिशत बढ़ाकर एक नया इतिहास रचा गया था। पहली बार वर्ष 1998-99 में गेहूं का समर्थन मूल्य 460 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 550 रुपए प्रति क्विंटल किया गया था। किसानों को आपदा में फसल खराब होने पर राहत पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना भी स्व. अटल जी की ही पहल थी। श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में विगत एक दशक में सरकार ने किसानों को पहली प्राथमिकता रखते हुए उनके कल्याण के द्वार खोले हैं।
आज यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में शुचिता, सुशासन और गरीब कल्याण का एक नया अध्याय भारत के इतिहास में लिखा जा रहा है जिसकी भूमिका स्व. अटल जी ने लिखी थी। साढ़े 11 वर्षों में सरकार के कामकाज पर एक भी उंगली कोई उठा नहीं पाया है। हर नागरिक का बैंक खाता, हितग्राहियों को सरकार की योजना के लाभ का सीधे बैंक खाते में अंतरण, संचार प्रौद्योगिकी एवं डिजीटल क्रांति के माध्यम से सरकार के प्रत्येक कार्य में पूर्ण पारदर्शिता ऐसे कदम है जो सरकार की नीयत में शुचिता एवं जनसेवा की शुद्धता को सुस्थापित करते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत, हर घर नल जल, उज्ज्वला योजना जैसे सैंकड़ों कदम हैं जो गरीब कल्याण की दिशा में स्व. अटल जी की ही बताई हुई राह में सरकार द्वारा उठाए गए हैं। अटल जी कृषि क्षेत्र में सुधार के प्रबल पक्षधर थे। इसीलिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों को सशक्त करने के लिए कृषि अवसंरचना कोष, प्रधानमंत्री फसल बीमा, कृषक उत्पादक संगठन, पीएम किसान सम्मान निधि, उत्पादन के साथ के साथ फसल विविधिकरण पर जोर उसी दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम हैं।
स्वतंत्रता का अमृत काल प्रारंभ हो चुका है। प्रधानमंत्री जी ने 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का संकल्प राष्ट्र को दिलाया है। प्रधानमंत्री जी के पंच प्रण में विकास के साथ विरासत पर गर्व और आधुनिक भारत में प्रौद्यागिकी के साथ पारदर्शी-प्रभावी शासन प्रणाली को स्थापित करने पर बल दिया है। यह उन्हीं सूत्रों का सफल क्रियान्वयन है जो स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी ने स्थापित किए थे। अटल जी के स्वप्न को साकार करती विकसित भारत की यात्रा के सारथी नरेन्द्र मोदी हैं।
लेखक नरेन्द्र सिंह तोमर, मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हैं।