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एनजीटी ने श्राइन बोर्ड गठन मामले पर बुधवार को सुनवाई टली

Update: 2019-07-31 16:32 GMT

नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने मथुरा में गोवर्धन पर्वत के तीन मंदिरों के लिए श्राइन बोर्ड का गठन करने में यूपी सरकार की ओर से की जा रही देरी मामले पर बुधवार को सुनवाई टाल दी। जस्टिस एस रघुवेंद्र राठौर की अध्यक्षता वाली बेंच को बताया गया कि एनजीटी के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिस पर 2 अगस्त को सुनवाई होने वाली है। उसके बाद एनजीटी ने इस मामले पर कोई भी आदेश नहीं दिया और 9 अगस्त को अगली सुनवाई की तिथि नियत की है।

सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी एके अवस्थी एनजीटी में मौजूद थे। पिछली 19 जुलाई को एनजीटी ने मथुरा के गोवर्धन में तीन मंदिरों के लिए श्राइन बोर्ड का कानून बनाने के संबंध में गलत हलफनामा दायर करने पर नाराजगी जताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए एके अवस्थी को तलब किया था।

बुधवार को सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने एनजीटी के समक्ष श्री गिरिराज मुखारविंदु धनघाटी, श्री गिरिराज मुखारविंदु दशबिस्वा गोवर्धन और श्री गिरिराज मुखारविंदु जातिपुरा टेंपल बिल 2017 से संबंधित दस्तावेज पेश किया।

दरअसल एनजीटी ने पिछली 1 फरवरी को एनजीटी ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि वो मथुरा के गोवर्धन में तीन मंदिरों के लिए श्राइन बोर्ड का कानून बनाएं। उसके बाद यूपी सरकार ने एनजीटी को आश्वस्त किया था कि श्राइन बोर्ड बनाने का काम जल्द ही पूरा होगा। लेकिन 19 जुलाई को हलफनामे में यूपी सरकार के वकील ने एनजीटी को बताया था कि राज्य मंत्रिमंडल ने गोवर्धन श्राइन बोर्ड के गठन की अनुमति नहीं दी है। एनजीटी ने यूपी सरकार से पूछा था कि जब आपने अपने पहले के हलफनामे में कहा था कि वो श्राइन बोर्ड का कानून बनाने के लिए एनजीटी के आदेशों का पालन करेगी तो अब इससे मुकर कैसे गई।

उसके बाद पिछले 29 जुलाई को एनजीटी के आदेश के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जल्द सुनवाई की मांग की थी । सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई की उनकी मांग को खारिज करते हुए कहा था कि अगर एनजीटी चाहती है तो ब्यूरोक्रेट्स इसमें संकोच क्यों कर रहे हैं।

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