गोवा नाइट क्लब हादसे में बड़ी कार्रवाई: चीफ जनरल मैनेजर सहित 4 गिरफ्तार, मालिकों पर FIR, जांच कमेटी गठित
Goa Night Club Fire: गोवा के अरपोरा गांव में स्थित नाइट क्लब में हुए दिल दहलाने वाले हादसे ने राज्य के साथ देश में सनसनी मचा दी है। 25 लोगों की जान जाने के बाद राज्य सरकार की बड़ी कार्रवाई हुई है। चीफ मैनेजर सहित 4 गिरफ्तार। मालिकों पर एफआईआर हुई है।
गोवाः उत्तरी गोवा के बर्च रोमियो लेन नाइट क्लब में हुए भयंकर अग्निकांड के बाद बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने जानकारी दी कि हादसे के 4 जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ ही रोमियो लेन के दूसरे क्लब को भी सील कर दिया गया है। उन्होंने यह साफ शब्दों में कहा कि सरकार किसी भी अवैध नाइट क्लब को बढ़ावा नहीं देती है।
हादसे के जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने के साथ ही सीएम ने मारे गए लोगों के परिवारों को 5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि हादसे में घायल लोगों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। आपको बता दें कि अग्निकांड घटना में मरने वालों की संख्या 25 है। वहीं, इनकी पहचान भी पूरी हो चुकी है। अधिकारियों के अनुसार मरने वालों में 20 लोग स्टाफ के ही मेंबर थे।
ये लोग हुए गिरफ्तार, मालिकों पर एफआईआर
हादसे के बाद की कार्रवाई को लेकर जानकारी देते हुए गोवा के डीजीपी अलोक कुमार ने बताया कि चार मैनेजर अरेस्ट किए गए हैं। इसमें राजीव मोदक (चीफ जनरल मैनेजर),विवेक सिंह (जनरल मैनेजर), राजवीर सिंघानिया( बार मैनेजर) और प्रियुंश ठाकुर (गेट मैनेजर) शामिल हैं। इसके अलावा मालिकों में सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
शवों को पहुंचाने के लिए बनाई गई टीम
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए गोवा के सीएम ने बताया कि मृतकों के शवों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्य अधिकारियों की एक टीम बनाई गई है। । उन्होंने दावा किया कि सरकार दोषियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करेगी।
हादसे की जांच के लिए कमेटी गठित
हादसे की भयावहता को देखते हुए सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने जांच कमेटी भी गठित की है। इसकी अध्यक्षता राजस्व सचिव करेंगे। यह कमेटी उन सभी नाइट क्लब, रेस्टोरेंट और कमर्शियल प्लेस का ऑडिट करेगी, जो वैध अनुमति के बिना संचालित हो रहे हैं। वहीं, बड़ी संख्या में लोगों के इकट्ठा होने की संभावना रहती है। कमेटी की जिम्मेदारी होगी कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए एसओपी (Standard Operating Procedure) तैयार करें।