लेक्टर पर भी भारी पटवारी: तबादला आदेश के बाद भी हलकों में जमे, शिकायतों पर हटाए गए वे भी नहीं गए नई जगह…
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भोपाल। प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में पटवारी कितने रसूखदार हो गए हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भोपाल जिले में शिकायतों पर हटाए गए पटवारी भी अपना हलका छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
जबकि जिलाधीश कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने पटवारियों के तबादला आदेश में स्पष्ट उल्लेख किया था कि 'यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इसके बावजूद भी पटवारी अपनी नवीन पदस्थापना वाली जगह पर जाने को तैयार नहीं हैं।
इतना ही नहीं शासन से संलग्र पर रोक होने के बावजूद भी पटवारी दूसरी तहसीलों में अटैच होकर हलका संभाल रहे हैं। पटवारी, भाजपा सांसद आलोक शर्मा के बाद अब जिलाधीश पर भी भारी पड़ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि तबादला नीति के प्रभावी होने तक भोपाल जिलाधीश ने दो अलग-अलग सूची में 47 पटवारियों के एक तहसील से दूसरी तहसील में तबादले किए थे। जबकि भोपाल सांसद ने 180 से ज्यादा पटवारियों के लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे होने पर दूसरी जगह तबादला करने की सूची प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप एवं जिलाधीश कौशलेंद्र विक्रम सिंह को सौंपी थी।
पटवारियों के तबादलों में सांसद आलोक शर्मा की शिकायत को नजरअंदाज किया गया। यानी तबादलों में पटवारी सांसद पर भारी पड़े थे, अब वे जिलाधीश पर भी भारी पड़ रहे हैं। क्योंकि तत्काल प्रभाव वाला तबादला आदेश जारी होने के बाद भी पटवारी न तो हलका छोड़ रहे हैं और न ही संबंधित अधिकारी तबादला आदेश के परिपालन में उन्हें कार्यमुक्त कर रहे हैं।
फिलहाल भोपाल में पटवारियों का रसूख इतना है कि वे कलेक्टर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर भारी पड़ रहे हैं। खास बात यह है कि पटवारियों को कार्यमुक्त करने के संबंध में कोलार, हुजूर, बैरसिया अनुविभागीय अधिकारियों ने इतना कहा कि आदेश का पालन किया जा रहा है।
ये पटवारी अधिकारियों पर भारी
कलेक्टर भोपाल ने 33 पटवारियों की पहली तबादला सूची 9 जून को जारी की। जिसमें तहसील हूजूर से बैरसिया भेजे गए पटवारी बृजकिशोर नागर, बैरागढ़ तहसील से बैरसिया भेजे गए। अतुल बल्लारखेड़ और कोलार से बैरसिया तबादला की गईं पटवारी श्रीमती अदिति शुक्ला ने अगले आदेश में अपना तबादला आदेश संशोधित करा लिया। जिसमें नागर को बैरसिया की जगह हुजूर, अतुल बल्लारखेड़े को बैरसिया की जगह कोलार और अदिति शुक्ला को बैरसिया न भेजते हुए भू अभिलेख कार्यालय में संलग्र कर दिया। जबकि संलग्र पर रोक है। ये तीनों रसूखदार पटवारी अभी कार्यमुक्त नहीं हुए हैं।
ये भी नहीं हुए कार्यमुक्त
कोलार से बैरसिया तहसील भेजे गए पटवारी अंकुल साहू, बैरसिया से कोलार तहसील पदस्थ किए गए मनीष प्रताप और प्रवीण वर्मा। कोलार से बैरसिया भेजे गए अंकुल साहू और जयेन्द्र बंदलकर अभी कार्यमुक्त नहीं हुए हैं। जबकि पहली तबादला सूची को 18 दिन हो चुके हैं। बताया गया कि बैरसिया से हुजूर या कोलार आने वाले ज्यादा पटवारी बहाल हो गए हैं, लेकिन शिकायत पर हुजूर, कोलार से बैरसिया तहसील भेजे गए ज्यादातर पटवारी बहाल नहीं हुए हैं।