मुख्यमंत्री चौहान की अधिकारीयों को दो टूक, कहा- गरीब का पैसा खाने वालों को सेवा में रहने का अधिकार नहीं
मुख्यमंत्री ने की रीवा जिले की समीक्षा
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति है। गरीब का पैसा खाने वालों को शासकीय सेवा में रहने का अधिकार नहीं है। उन्हें सेवा से पृथक किया जाए। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि सरकारी योजनाओं में रिश्वत मांगने वालों पर एफआईआर करो, उन्हें जेल भेजो।
मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को अपने निवास कार्यालय से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से रीवा जिले में संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं, विकास गतिविधियों और कानून व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जनकल्याण और विकास कार्यों में बेहतर कार्य करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को राज्य सरकार मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर सम्मानित करेगी। मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान का उद्देश्य यही है कि आम आदमी को शासकीय कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ें। प्रत्येक पात्र व्यक्ति को योजनाओं का लाभ सरलता और सुगमता से प्राप्त हो।
उन्होंने कहा कि एक जिला एक उत्पाद के अंतर्गत रीवा के सुंदरजा आम की पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने तथा सुंदरजा आम की प्रोसेसिंग को जिले में प्रोत्साहित कर उसके उत्पादों की मार्केटिंग का विस्तार करने के निर्देश दिये। जिले में 1500 किसान प्राकृतिक खेती की दिशा में सक्रिय हैं तथा ज्वार और कोंदो का रकबा बढ़ा है। कोंदो की प्रोसेसिंग की दिशा में भी गतिविधियां जारी हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नशे की गतिविधियां संचालित करने वालों को ध्वस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाए। बैठक में बताया गया कि जिले में नशे के विरूद्ध अभियान के अंतर्गत 202 प्रकरण बनाए गये हैं। सार्वजनिक स्थल पर शराब पीने के 160 प्रकरण दर्ज किए गए हैं तथा एक हुक्काबार बंद किया गया है। राशन वितरण में अनियमितता करने पर 10 एफ.आई.आर., 02 कालाबाजारी के प्रकरण दर्ज किए गए हैं तथा 04 विक्रेताओं को सेवा से पृथक किया गया है।