असली शिवसेना के लिए शुरू हुआ संग्राम, शिंदे गुट ने धनुष-तीर पर किया दावा, चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे से मांगा जवाब

Update: 2022-10-07 14:26 GMT

मुंबई।महाराष्ट्र में सियासी उलटफेर के बाद सरकार गंवाने वाले उद्धव ठाकरे के सामने अब अपनी पार्टी बचाने का संकट खड़ा हो गया है। कभी उनके साथी रहे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ने पार्टी के चुनाव चिन्ह 'धनुष और तीर पर अपना दावा पेश कर दिया है। जिसके बाद चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को शनिवार दोपहर तक जवाब दाखिल करने को कहा है।

8 अक्टूबर तक मांगा जवाब - 

उद्धव को संबोधित पत्र में चुनाव आयोग ने 08 अक्टूबर शनिवार दोपहर 02 बजे तक आवश्यक दस्तावेजों के साथ इस विवाद पर अपने दावे को पेश करने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि अगर उद्धव खेमे की ओर से कोई जवाब नहीं मिलता, तो चुनाव आयोग 'उचित कार्रवाई' करेगा।उल्लेखनीय है कि अंधेरी पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में आगामी उपचुनाव के मद्देनजर शिंदे खेमे ने चुनाव चिन्ह आवंटन की मांग की थी। बता दें कि 27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को यह तय करने के लिए हरी झंडी दी थी कि महाराष्ट्र में असली शिवसेना किसकी है। इससे पहले उद्धव ठाकरे ने एक याचिका दायर कर चुनाव आयोग को असली शिवसेना और पार्टी के चुनाव चिह्न पर शिंदे के नेतृत्व वाले गुट के दावे पर निर्णय लेने से रोकने की मांग की थी।

एकनाथ शिंदे का दावा 


एकनाथ शिंदे के गुट का दावा है की शिवसेना के अधिकांश विधायक और सांसद उनके साथ है। उद्धव ठाकरे के पास पार्टी के बेहद कम सदस्यों का समर्थन प्राप्त है।  इसलिए उसने अभी तक कोई दस्तावेज जमा नहीं किया है।  ऐसे में पार्टी का चुनाव चिन्ह उन्हीं के गुट को दिया जाना चाहिए।  

ये है मामला - 

बता दें की इस साल जून में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के 39 विधायकों ने बगावत कर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। इसी के बाद से दोनों गुट खुद को असली शिवसेना साबित करने में जुटे हुए है। ऐसे में चुनाव आयोग की सुनवाई महत्वपूर्ण है क्योंकि ये तय करेगी कि किस गुट को 'धनुष और तीर' का चिन्ह मिलेगा और इस तरह से उसे असली सेना के रूप में पहचाना जाएगा. 


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