RBI ने जारी की मौद्रिक नीति, FY 2021-22 के लिए GDP ग्रोथ रेट 9.5 फीसदी पर बरकरार

Update: 2021-10-08 07:37 GMT

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने इस बार भी ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई ने रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फिसदी पर बरकरार रखा है। यह लगातार 9वीं बार है, जब ब्याज दरों को जस का तस रखा गया है। इसके पहले मई 2020 में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट घटाया था, जो 2001 अप्रैल के बाद सबसे निचला स्तर है। 

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्ति कांत दास ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस के वर्चुअल संबोधन में बताया कि एमपीसी ने रेपो रेट को 4 फीसदी पर बरकरार रखा है। दास ने कहा कि एमपीसी ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में रिकवरी के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं। साथ ही अगस्त, सितंबर में मांग में रिकवरी दिखी है, जबकि खाद्य महंगाई दर में कमी आई है। इसके अलावा शुरुआती दौर में निवेश में सुधार देखने को मिल रहा है।

शक्ति कांत दास ने बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ का अनुमान 9.5 फीसदी रखा गया है। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.8 फीसदी जताया है। लेकिन, दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में आर्थिक विकास दर 17.2 फीसदी रह सकती है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में महंगाई दर 5.3 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.8 फीसदी के स्तर पर रहने का अनुमान जताया गया है। 

उल्लेखनीय है कि छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक छह अक्टूबर को शुरू हुई थी, जिसमें ये निर्णय लिए गए हैं। इस समिति में तीन सदस्य सरकार के प्रतिनिधि होते हैं। बाकी के तीन सदस्य रिजर्व बैंक का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें गवर्नर शक्ति कांत दास भी शामिल हैं। अभी रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है। रिजर्व बैंक ने इससे पहले मई 2020 में रेपो रेट में बदलाव किया था। आरबीआई ने रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती की थी, जिसके बाद रेपो रेट घटकर 4 फीसदी रह गया।

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