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कोविड 19 से पस्त अर्थव्यवस्था के लिए RBI के बड़े ऐलान, रेपो रेट घटा

Update: 2020-05-22 04:57 GMT

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने करीब 21 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। अब इसी पैकेज को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो चुकी है। आइए जानें गवर्नर शक्तिकांत दास क्या कह रहे हैंं..

रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। रेपो रेट अब 4.4 से घटक अब 4.0 फीसद हुआ। वहीं आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।

बता दें भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार सरकार से कॉरपोरेट लोन पर बैंकों को गारंटी देने की मांग कर चुके हैं। पिछले दिनों एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि कोरोना के संकट से निपटने में बैंकों की ओर से दिए जाने वाले कर्ज की भूमिका अहम हो सकती है। देश के सबसे बड़े बैंक के चेयरमैन कुमार ने कहा कि मौजूदा लोन पर ईएमआई छूट की सीमा को छह महीने करने की जरूरत है।

इसस पहले 17 अप्रैल को आरबीआई ने कोरोना संकट और लॉकडाउन से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए कई तरह की राहत का ऐलान किया था। रिवर्स रीपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती की गई थी जिससे यह 4 फीसदी से घटकर 3.75 फीसदी हो गया। इससे बैंकों को कर्ज मिलने में दिक्कत नहीं होगी। केंद्रीय बैंक ने छोटे और मझोले आकार की कंपनियों को नकदी संकट से निजात देने के लिए टीएलटीआरओ 2.0 का ऐलान किया था। इसकी शुरुआत 50 हजार करोड़ रुपए से की गई थी। इसे स्थिति के मद्देनजर बाद में बढ़ाने की भी बात कही गई थी। टीएलटीआरओ 2.0 के तहत कुल राशि का आधा हिस्सा छोटी और मझोली कंपनियों, एमएफआई और एनबीएफसी को जाएगा।

बता दें भारतीय रिजर्व बैंक ने 27 मार्च को बैंकों व वित्तीय संस्थानों को 1 मार्च 2020 तक बकाया सभी टर्म लोन्स लेने वालों को EMI के भुगतान पर 3 माह का मोरेटोरियम उपलब्ध कराने को कहा था। इस विकल्प में ग्राहक मार्च, अप्रैल और मई माह की अपनी EMI चाहें तो होल्ड कर सकते हैं। हालांकि EMI स्थगन के इन तीन महीनों की अवधि के दौरान ब्याज लगता रहेगा, जो बाद में एक्स्ट्रा EMI के तौर पर देना होगा। जो ग्राहक अपनी EMI होल्ड नहीं करना चाहते, उन्हें कुछ भी करने की जरूरत नहीं है। उनकी EMI वैसे ही कटती रहेगी, जैसे कट रही थी।

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