राजस्थान सियासी संकट : पलटेगी बाजी 'गहलोत के 15 विधायक हुए पायलट संग'

Update: 2020-07-27 14:14 GMT

नई दिल्ली। राजस्थान में सियासी संकट और दिलचस्प मोड़ लेता जा रहा है। फ्लोर टेस्ट पर अड़ी गहलोत सरकार को हाईकोर्ट से भले ही बीएसपी विधायकों के विलय के खिलाफ लगाई गई याचिका पर बड़ी राहत मिली हो, लेकिन बागी सचिन कैम्प ने नया दावा किया है।सचिन पायलट समर्थक विधायक का दावा है कि अशोक गहलोत खेमे के 10 से 15 विधायक उनके संपर्क में हैं और जैसे ही उन्हें फ्री किया जाएगा वे हमारा उनके साथ आ जाएंगे।

पायलट कैम्प के विधायक हेमाराम चौधरी ने कहा, "10- से 15 विधायक अशोक गहलोत खेमे के हमारा संपर्क में हैं, जो कह रहे हैं कि जैसी ही उन्हें फ्री किया जाता है, वे हमारा साथ आ जाएंगे। अगर गहलोत प्रतिबंधों को हटाते हैं, यह साफ हो जाएगा कि कितने विधायक हमारी तरफ हैं।"

उधर, कांग्रेस ने कहा है कि राजस्थान के राज्यपाल की भूमिका हैरान और स्तब्ध करने वाली रही है और बीजेपी की ओर से नियुक्त राज्यपालों की इसी तरह की भूमिका के विरोध में पार्टी ने सोमवार को पूरे देश में राज भवनों के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संसदीय लोकतंत्र के संचालन में राज्यपालों की भूमिका अहम है। राज्यपाल विधानसभा का सत्र कब आयोजित करने के साथ ही विधायकों को समन जारी कर सकते हैं और यदि मुख्यमंत्री बहुमत साबित करना चाहते है तो राज्यपाल विधान सभा की बैठक बुला सकते हैं।

चिदंबरम ने कहा कि राजस्थान में कैबिनेट के फैसले को लेकर राज्यपाल ने जो भूमिका निभाई है वह हैरान और स्तब्ध करने वाली है तथा उसकी इसी भूमिका के खिलाफ कांग्रेस ने आज राजभवनो के समक्ष विरोध प्रदर्शन कर जनता का ध्यान भाजपा की गैरसंवैधानिक नियमों के उल्लंघन की तरफ आकर्षित किया।

उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्यपाल शीघ्र ही विधान सभा का सत्र बुलाएंगे और संविधान का सम्मान करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के बाद भाजपा ने जितने राज्यपाल नियुक्त किए हैं उनमें ज्यादातर ने पद का दुरुपयोग कर संवैधानिक प्रक्रियाओं का मजाक उड़ाया है।

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