रूस-यूक्रेन के युद्ध के बीच वैश्विक राजनीति के केंद्र में आया भारत, कई देशों के विदेश मंत्रियों ने दी दिल्ली में दस्तक

Update: 2022-03-31 08:07 GMT

नईदिल्ली। रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से जहां पूरी दुनिया में खलबली मची हुई है, वहीँ भारत वैश्विक राजनीति के केंद्र में उभर कर सामने आता जा रहा है। रूस और ब्रिटेन के विदेश मंत्री आज गुरुवार की रात भारत पहुंच रहे हैं। इससे पहले चीन, मैक्सिको के विदेश मंत्रीयों की भारत यात्रा को भी बेहद अहम माना जा रहा है।  

बता दें की इससे पहले हाल ही में चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत दौरे पर आए थे।इस दौरान भारत-चीन के बीच रूस-यूक्रेन समस्या के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। वहीँ मैक्सिकों के विदेश मंत्री मार्शलो एबरार्ड वर्तमान में भारत यात्रा पर है। मैक्सिको संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य भी है और जी-20 में भी शामिल है। वह भी भारत की तरह ही स्वतंत्र विदेश नीति का पैरोकार है।इसके अलावा जर्मनी के राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के सलाहकार भी इस समय भारत में है। अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का भारत आगमन भी जल्द प्रस्तावित है।  

इसी बीच रूस के विदेश मंत्री सर्गेस लावरोव आज गुरूवार 31 मार्च को भारत यात्रा पर आ रहे है। रूसी विदेश मंत्री यूक्रेन पर हमले के बाद पहली बार भारत आ रहे है।  इसलिए उनका ये दौरा कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।  गौरतलब है की भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस-यूक्रेन विवाद के मसले पर तटस्थ रुख अपना रखा है। इसके बाद रूस भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को आगे बढ़ाना चाहता है। रूस की कोशिश है कि भारत तेल और गैस उससे खरीदे, क्योंकि यूरोप में उसकी आपूर्ति घटने जा रही है।

दूसरी ओर हाल ही में आई विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार भारत की रूस से हथियारों की खरीद घटी है। इसका मुख्य कारण एस-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति में विलंब है।भारत चाहता है कि रूस सभी पांच यूनिटों की आपूर्ति जल्द सुनिश्चित करे। इसके अलावा स्विफ्ट पर रोक लगने के बाद भारत और रूस वैकल्पिक भुगतान प्रणाली पर भी चर्चा कर सकते हैं।

रूस के विदेश मंत्री सर्गेस लावरोव की भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलकात तय मानी जा रही है। इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच हथियारों की खरीद, एस-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति में विलंब, स्विफ्ट पर रोक लगने के बाद भारत और रूस वैकल्पिक भुगतान प्रणाली आदि मुद्दों पर चर्चा कर सकते है।  

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