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कांग्रेस नेता दिग्विजय की घटिया पोस्ट की सोशल मीडिया पर हो रही निंदा

Update: 2021-05-25 14:17 GMT

ग्वालियर/भोपाल/वेब डेस्क। कोरोना त्रासदी में कांग्रेस ने वैसे तो सामाजिक कार्य नहीं किया किंतु केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के कामकाज पर लगातार उंगलियां ही उठाईं। यही कारण है कि अनर्गल आरोप लगाने पर पूर्व मुयमंत्री कमलनाथ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। वहीं कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद पूर्व मुयमंत्री दिग्विजय सिंह भी विवादास्पद पोस्ट वायरल कर अपने आपको चर्चा में लाना चाहते हैं। उनकी एक फेसबुक पोस्ट पर अनेक लोगों ने आपाि दर्ज की है। इस पोस्ट में दिग्विजय सिंह द्वारा बाबा रामदेव का एक फोटो साझा किया गया है, जिसमें एक सश उनके नितब में इंजेशन लगाते हुए दिखाया गया है। असल में यह कार्टून बाबा रामदेव की उस कथित टिप्पणी को लेकर जारी किया गया है, जिसमें उन्होंने कोरोना उपचार में एलोपैथी की कमियों का जिक्र किया है। कार्टून में बाबा के सन्यासी वेष को जानबूझकर दर्शाया गया है और इसे भारतीय आयुर्वेद परंपरा पर एलोपैथी के आक्रामक हमले के रूप चित्रित करने का भी प्रयास है।

फेसबुक यूजर के बड़े वर्ग् ने इसे हेट स्पीच की श्रेणी में मानते हुए फेसबुक फोरम पर रिपोर्ट ऑप्शन के तहत आपत्ति दर्ज की है। ग्वालियर के युवा अभिभाषक अमर शर्मा ने अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि यह समृद्ध आयुर्वेद और सन्यासी परम्परा पर एक तरह से हमला है। अमर इसकी विधिक शिकायत भी दर्ज कराने वाले हैं। शिवपुरी के युवा उद्यमी गणेश धाकड़ ने भी इसे हैट स्पीच में दर्ज करने संबंधी अपनी अपनी फेसबुक को दर्ज कराई है। श्री धाकड़ के मुताबिक कांग्रेस टूल किट की घटिया राजनीति के जरिये कोरोना महामारी के जरिये हिन्दू धर्म और भारत को बदनाम करने में लगी हैं। ट्रेवल एजेंट निर्मल कुमार ने भी इस आशय की आपाि के साथ दिग्विजयसिंह का फेसबुक पेज सस्पेंड करने की मांग की। योगाचार्य तरुण सिंह राजन ने डिजिटली आपत्ति के बाद कहा कि दिग्विजयसिंह नफरत के एबेसडर हैं, वे आयुर्वेद को बदनाम कर रहे हैं। बाबा रामदेव के कतिथ बयान पर स्पष्टीकरण आने के बाद भी इस तरह का घटियापन भारतीय विचार के साथ भी द्रोह है।

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