सरकार ने घोषित की नई वाहन कबाड़ नीति, जानें कौन सी गाड़ियां आएंगी इसके दायरे में

Update: 2021-03-18 11:43 GMT

नईदिल्ली। देश की यातायात व्यवस्था को बहाल करने एवं प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए केंद्र सरकार नई वाहन कबाड़ नीति बनाई है। इस नई नीति के तहत 15 साल पुराने वाणिज्यिक और 20 साल पुराने यात्री वाहन दायरे में आएंगे। साथ ही सभी वाहनों का फिटनेट परीक्षण अनिवार्य होगा। ये जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज लोकसभा में दी।  

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने नई वाहन कबाड़ नीति की घोषणा करते हुए कहा कि सरकार पुराने वाहनों को खत्म करने तथा नए वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए छूट का प्रावधान कर रही है। इसके साथ उन्होंने कहा कि सरकार अगले पांच साल में देश को व्हीकल मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर (वाहन निर्माण क्षेत्र) का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा की इस नीति से प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलेगी। इसके तहत 15 साल पुराने वाणिज्यिक और 20 साल पुराने यात्री वाहन आएंगे। वाहनों का फिटनेट परीक्षण अनिवार्य होगा। उन्होंने आगे कहा कि फिटनेस परीक्षण में जो वाहन मानकों के अनुसार नहीं पाए जाएंगे उनका चालान किया जाएगा एवं अमानक पाए गए वाहनों को जब्त किया जाएगा। 

वाहनों की खरीद पर मिलेगी छूट - 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुराने वाहनों को कबाड़ में डालने पर प्रमाण पत्र जाएगा। गडकरी ने कहा कि उनका प्रयास है कि कबाड़ में डालने का प्रमाण पत्र लेकर नया वाहन खऱीदने वाले को निर्माता कंपनियां पांच प्रतिशत तक की छूट दे। इस बारे में वह कंपनी मालिकों के साथ विचार विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे वाहन निर्माता कंपनियों को भी फायदा होगा और प्रदूषण में कमी के साथ ही रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा - 

स्वैच्छिक वाहन कबाड़ नीति के तहत वाहन का पंजीकरण खत्म होते ही वाहन को अनिवार्य फिटनेस परीक्षण से गुजरना होगा। यदि कोई वाहन फिटनेस परीक्षण के मानकों पर खरा नहीं उतरेगा तो उसे 'वाहन के जीवन का अंत' माना जाएगा। साथ ही नई नीति के तहत वाहन मालिकों को फिटनेस परीक्षण करने और पंजीकरण को नवीनीकृत करने के बजाय वाहनों को कबाड़ में देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। 

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