प्रोजेक्ट चीता के तहत दिसंबर में आठ और चीते लाए जाएंगे

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि दिसंबर में आठ और चीते भारत लाए जाएंगे। इन चीतों को बोत्सवाना से कूनो नेशनल पार्क लाया जाएगा।

Update: 2025-11-03 16:30 GMT

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को घोषणा की कि दिसंबर माह में आठ और चीते भारत लाए जाएंगे। यह चीते 'प्रोजेक्ट चीता' के तहत बोत्सवाना से मंगाए जाएंगे, जिसका मुख्य उद्देश्य भारत में विलुप्त हो चुके चीतों को फिर से स्थापित करना है। 'प्रोजेक्ट चीता' के तहत पांच वर्षों में कुल 50 चीतों को भारत के विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों में छोड़ा जाएगा। इस पहल के जरिए देश की जैवविविधता को समृद्ध करना और प्राकृतिक पर्यावरण में संतुलन बनाए रखना सरकार की प्राथमिकता है।

क्या है 'प्रोजेक्ट चीता'

भारत में चीते एक समय में जंगली मैदानों में फैले हुए थे, लेकिन अत्यधिक शिकार और उनके प्राकृतिक आवास के विनाश के कारण ये जानवर पूरी तरह से विलुप्त हो गए। 'प्रोजेक्ट चीता' का उद्देश्य इन्हें फिर से भारतीय वन्यजीवों का हिस्सा बनाना है। इस पहल के तहत चीते न केवल भारत में लौटेंगे, बल्कि उनके संरक्षण को लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।

भूपेंद्र यादव ने कहा, "प्रोजेक्ट चीता संतोषजनक परिणाम दे रहा है और हम बोत्सवाना से आठ और चीते लाएंगे, जिन्हें दिसंबर में कुनू नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा।" उन्होंने यह भी बताया कि इस परियोजना के तहत पांच साल में 50 चीते भारत में लाए जाएंगे।

वायु गुणवत्ता पर मंत्री की टिप्पणी

इसके अलावा, भूपेंद्र यादव ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता के बारे में दावा किया कि इस साल वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पिछले साल के मुकाबले बेहतर है, जो 400 से नीचे है। उन्होंने कहा "हम स्थिति पर लगातार निगरानी रख रहे हैं और हम इसमें सुधार करने के लिए प्रयासरत हैं" दिल्ली में वायु प्रदूषण के प्रमुख कारणों में तोड़फोड़ और कचरे को जिम्मेदार ठहराते हुए, उन्होंने बताया कि उनका मंत्रालय दिल्ली सरकार के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान करने के लिए काम कर रहा है।

COP 30 और जलवायु परिवर्तन पर भारत की भूमिका

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने आगामी COP 30 शिखर सम्मेलन का भी जिक्र किया, जो 10 से 21 नवंबर तक ब्राजील के बेलेम में आयोजित होगा। उन्होंने कहा COP 30 पेरिस समझौते के 10 साल पूरे होने पर हो रहा है। इसमें तकनीकी कार्यान्वयन कार्यक्रम सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। मंत्री ने यह भी बताया कि भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हमेशा कार्य करता रहेगा और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण है।

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