4 दिन में 1200+ फ्लाइटें रद्द: एयरपोर्ट पर भारी भीड़, इंतजार करते रहे यात्री

4 दिनों में 1200+ उड़ानें रद्द, IndiGo में क्रू कमी से यात्रियों के साथ हवाई अड्डों पर क्या हुआ पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

Update: 2025-12-05 09:08 GMT

emergency landing of indigo flight in chhattisgarh raipur airport

अगर आप कभी भी किसी कॉन्सर्ट, मेले या बड़े शादी-फंक्शन में गए हैं, जहां लोग सही गेट ढूंढते-ढूंढते एक-दूसरे से टकरा जाते हैं, तो वही माहौल पिछले चार दिनों में लगभग हर बड़े एयरपोर्ट पर है। कहीं यात्री फर्श पर बैठे, कहीं लोग सीढ़ियों पर। किसी ने पानी मांगा, किसी ने बच्चे के लिए नैपकिन… और कई जगह यात्रियों व स्टाफ के बीच बहस आम बात हो गई। 

दिल्ली में तो हालत खराब

IGI पर 200 से ज़्यादा फ्लाइट्स रद्द हो गई, लोग बस सामान के ढेर, लंबी कतारें और बंद गेट्स को घूरते रह गए। कई लोगों को 12 घंटे से ज़्यादा हो गए, न फ्लाइट मिली, न बैग। DGCA के नए नियमों के चलते पायलट और क्रू मेंबर्स को ज्यादा आराम देना जरूरी हो गया। ये नियम सुरक्षा के लिए तो ज़रूरी हैं, पर इंडिगो के पास प्लान-B शायद मजबूत नहीं था। नतीजा? अचानक ही क्रू की कमी इतनी बढ़ गई कि रोज़ 150-200 उड़ानें लेट या केंसिल होने लगीं। कंपनी ने तो 10 फरवरी 2026 तक नियमों में थोड़ी छूट भी मांग ली, ताकि उबरने का समय मिल सके।

घंटों प्लास्टिक की कुर्सियों पर बैठकर इंतजार

गोवा से लेकर बेंगलुरु, हैदराबाद से रायपुर हर जगह एक-सी शिकायतें सुनने को मिलीं कोई मेल नहीं आया, कोई मैसेज भी नहीं। कनेक्टिंग फ्लाइट छूट गई, अब होटल खुद खोजो। किराया दूसरी एयरलाइंस ने दोगुना कर दिया है। सामान कहाँ है? किसी को पता ही नहीं और सबसे दुखद छोटे बच्चों और बुजुर्गों को घंटों प्लास्टिक की कुर्सियों पर बैठकर इंतजार करना पड़ा।

DGCA की फटकार और सरकार का दबाव

नागरिक उड्डयन मंत्री ने भी नाराजगी जताई कि इतना समय होने के बावजूद एयरलाइन तैयारी कैसे नहीं कर सकी? DGCA ने इंडिगो को हर 15 दिन प्रोग्रेस रिपोर्ट भेजने को कहा है, मतलब अब गलती छुपाना मुश्किल होगा। 

IndiGo क्यों ज़्यादा प्रभावित?

ये भी जान लीजिए IndiGo ज़्यादा प्रभावित क्यों है क्योंकि कंपनी के पास 434 विमान है जो देश में सबसे ज़्यादा हैं। ये 2300+ उड़ानें भरती है जो Air India की संख्या से लगभग दोगुना है। 60% घरेलू मार्केट पर इंडिगो का कब्जा है, तो जरा-सी भी गड़बड़ी का असर हजारों यात्रियों पर पड़ना तय है।

उड़ानें रद्द होने से किसी की शादी अटकी, किसी की नौकरी का इंटरव्यू, किसी का त्योहार, किसी का मेडिकल अपॉइंटमेंट। एक एयरलाइन की अंदरूनी गड़बड़ी का असर आम आदमी की सबसे कीमती चीज़ पर पड़ा। उम्मीद यही है कि एयरलाइन और सरकार मिलकर इसे जल्दी सामान्य कर दें।  

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