हरियाणा सरकार पर संकट, दुष्यंत चौटाला ने की फ्लोर टेस्ट की मांग

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि नायब सैनी सरकार अल्पमत में है

Update: 2024-05-09 09:18 GMT

चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को एक पत्र लिखकर सरकार का फ्लोर टेस्ट करवाने की मांग की है। गुरुवार को चंडीगढ़ में दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल को लिखा पत्र मीडिया के लिए जारी किया गया। दो दिन पहले तीन निर्दलीय विधायकाें ने राज्य की सैनी सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने राज्य में सरकार के अल्पमत में आने की बात कही थी। 

दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल से विधानसभा का सत्र बुलाकर फ्लोर टेस्ट की मांग करते हुए लिखा कि हम मौजूदा सरकार का समर्थन नहीं करते हैं और हरियाणा में किसी भी दूसरे राजनीतिक दल के सरकार बनाने में समर्थन के लिए हमारे विकल्प खुले हैं। दो विधायकों के इस्तीफे के बाद सदन में विधायकों की संख्या 88 है। दुष्यंत चौटाला ने पत्र में लिखा है भाजपा के पास 40, कांग्रेस के पास 30, जजपा के 10, निर्दलीय छह, हलोपा और इनेलो के पास एक-एक विधायक है। दुष्यंत ने कहा कि दो महीने पहले बनी सरकार अल्पमत में आ गई है। सरकार में शामिल एक निर्दलीय तथा एक भाजपा विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। तीन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया है। संविधान के अनुसार फ्लोर टेस्ट करवाने की शक्ति राज्यपाल के पास है। चौटाला ने राज्यपाल से मांग की कि सदन बुलाकर सरकार का फ्लोर टेस्ट करवाने का आदेश दें।

बहुमत के लिए फ्लोर टेस्ट कराएं

दुष्यंत ने कहा कि अब कांग्रेस ने ये कदम उठाना है कि क्या उनके 30 और उनके समर्थन वाले विधायक और विपक्ष के दूसरे विधायक क्या भाजपा की सरकार को बदलना चाहते हैं। वह बदलाव के लिए कदम उठाएं।दुष्यंत चौटाला के अनुसार पिछला अविश्वास प्रस्ताव मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ आया था। अब नायब सैनी के नेृतत्व में नई सरकार सत्ता संभाल रही है। इसी सरकार के तीन लोगों ने समर्थन वापस लिया है। अब गवर्नर को देखना है कि वह सरकार के बहुमत के लिए फ्लोर टेस्ट कराएं। अगर सरकार के पास बहुमत नहीं तो तुरंत राष्ट्रपति शासन लगाएं। दुष्यंत ने कहा कि हम सोचते थे कि हॉर्स ट्रेडिंग बंद हो गई है, मगर भाजपा ने प्रदेश में इसे नए तरीके से चलाया है। उन्होंने कहा कि जब तक संगठन के आदेश हों, व्हिप के आदेश हों तो सभी विधायकों को इनका पालन करना पड़ेगा।

भाजपा-जजपा गठबंधन - 

उल्लेखनीय है दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जजपा) दो माह पहले तक प्रदेश में भाजपा के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार चला रही थी। लोकसभा चुनाव से पहले जजपा ने गठबंधन खत्म कर सरकार से अलग हो गए थे। अब भी दो दिन पहले नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर, पुंडरी के विधायक रणधीर गोलन तथा दादरी के विधायक सोमबीर सांगवान ने भाजपा से समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को समर्थन करने का ऐलान कर दिया था।

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