एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान का टायर फटा, कोचीन में सुरक्षित उतारे गए 160 यात्री
एयर इंडिया एक्सप्रेस की जेद्दा-कोझिकोड फ्लाइट का टायर फटा, 160 यात्रियों के साथ कोचीन में सुरक्षित एहतियाती लैंडिंग कराई गई।
Air India
कोच्चि। जरा सी चूक भी बड़ी दुर्घटना में बदल सकती थी, लेकिन पायलट की सूझबूझ और समय पर फैसला 160 यात्रियों के लिए राहत बन गया। जेद्दा से कोझिकोड जा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट को गुरुवार सुबह कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतारना पड़ा। विमान के दाहिने हिस्से के टायर फटने की पुष्टि लैंडिंग के बाद हुई।
जेद्दा से कोझिकोड जा रही थी फ्लाइट
एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट IX 398 जेद्दा से केरल के कोझिकोड (करिपुर) एयरपोर्ट जा रही थी। रास्ते में तकनीकी गड़बड़ी सामने आने के बाद विमान को कोच्चि डायवर्ट किया गया .
सुबह 9:07 बजे कराई गई लैंडिंग
कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड के अनुसार, फ्लाइट ने सुबह 9.07 बजे पूरी तैयारी और सुरक्षा इंतजामों के साथ लैंडिंग की।एयरपोर्ट प्रशासन ने पहले से सभी इमरजेंसी सेवाएं एक्टिवेट कर दी थीं.
लैंडिंग के बाद सामने आई असली वजह
लैंडिंग के बाद जांच में पता चला कि विमान के दाहिने तरफ के दोनों टायर फट चुके थेहालांकि राहत की बात यह रही कि लैंडिंग गियर पूरी तरह सुरक्षित था , किसी यात्री या क्रू मेंबर को चोट नहीं आई एयरलाइन प्रवक्ता ने साफ किया कि यह इमरजेंसी लैंडिंग नहीं, बल्कि पूरी तरह एहतियाती (प्रिकॉशनरी) लैंडिंग थी.
करिपुर एयरपोर्ट पर लैंडिंग क्यों मानी जाती है जोखिम भरी?
एयरलाइन ने कोझिकोड के बजाय कोचीन को प्राथमिकता दी, इसकी वजह करिपुर एयरपोर्ट की भौगोलिक स्थिति है।
- करिपुर एयरपोर्ट से जुड़े बड़ा जोखिम
- रनवे ऊंचे पठार (टेबल टॉप) पर बना है
- दोनों सिरों पर गहरी ढलान और खाई
- रनवे की लंबाई सीमित
- ओवरशूट की स्थिति में हादसे का खतरा
- बारिश, हवा और कम विजिबिलिटी आम समस्या
इन्हीं कारणों से पायलट आमतौर पर ऐसी स्थिति में कोचीन या कन्नूर जैसे बड़े एयरपोर्ट को चुनते हैं ।
पायलट के फैसले से टला बड़ा हादसा
एविएशन विशेषज्ञों का मानना है कि समय रहते लिया गया फैसला और सही एयरपोर्ट का चयन बड़ी दुर्घटना को टालने में अहम साबित हुआ. यात्रियों ने भी सुरक्षित लैंडिंग के बाद राहत की सांस ली।