ब्रेस्ट पकड़ना, पैजामे का नाड़ा तोड़ना रेप नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट के विवादित फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से किया इंकार

Update: 2025-03-24 08:26 GMT

Supreme Court

Supreme Court Refuses to Intervene in Allahabad High Court Controversial Decision : नई दिल्ली। इलाहाबाद हाईकोर्ट के विवादित बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने विचार करने से इंकार कर दिया है। बीते दिनों इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक फैसला दिया था जिसमें ब्रेस्ट पकड़ने और पैजामे के नाड़े को तोड़ने जैसी गतिविधि को रेप के दायरे से बाहर कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला काफी चौंकाने वाला है।

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि, "नाबालिगों के स्तनों को पकड़ना, पायजामा का नाड़ा तोड़ना और उन्हें पुलिया के नीचे घसीटना बलात्कार का अपराध नहीं है।"

जानकारी के अनुसार जस्टिस बेला त्रिवेदी और प्रसन्ना बी. वराले की पीठ ने मामले की सुनवाई की। अदालत ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि, कोर्ट इस पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं है।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील ने "बेटी बचाई बेटी पढ़ाओ योजना" से संबंधित कुछ बताते हुए अपनी बात शुरू की, लेकिन जस्टिस बेला त्रिवेदी ने उन्हें बीच में ही रोक दिया। जस्टिस त्रिवेदी ने स्पष्ट किया कि इस विषय पर उनके समक्ष पेश होने वाले वकीलों की ओर से कोई "व्याख्यानबाजी" नहीं होनी चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मांग की गई थी कि, इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले में कुछ शब्दों को हटाया जाए या संशोधित किया जाए।

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