हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्ट्री विवाद: किसानों का गुस्सा उफान पर

Update: 2025-12-11 07:26 GMT

फैक्ट्री ऑफिस फूंका, इंटरनेट बंद, घर छोड़कर भागे लोग


 



राजस्थान हनुमानगढ़ का टिब्बी इलाका बुधवार को एक बार फिर तनाव की चपेट में आया। किसान और ग्रामीण फैक्ट्री के पास इकट्ठा हुए और उनके गुस्से ने हिंसक रूप ले लिया। शांतिपूर्ण विरोध के महीनों के बाद यह घटनाक्रम यह दर्शाता है कि ग्रामीणों का धैर्य अब जवाब दे चुका है।

एथेनॉल फैक्ट्री निर्माण और किसान विरोध

चंडीगढ़ में रजिस्टर्ड ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड राठीखेड़ा में 40 मेगावाट का अनाज आधारित प्लांट लगा रही है। कंपनी का कहना है कि यह केंद्र सरकार के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) प्रोग्राम को सपोर्ट करेगा।सिकंदरपुर और आसपास के गांवों के किसानों ने सितंबर 2024 से जून 2025 तक लगभग 10 महीने शांतिपूर्ण विरोध किया। जुलाई में जब कंपनी ने चारदीवारी का निर्माण शुरू किया, तो किसानों का गुस्सा फूट पड़ा।

10 दिसंबर की घटना: धैर्य का विस्फोट

बुधवार की दोपहर सैकड़ों किसान ट्रैक्टर लेकर फैक्ट्री साइट पर पहुंचे। उन्होंने निर्माणाधीन दीवार तोड़ दी और अंदर ऑफिस में आग लगा दी। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन उग्र भीड़ ने इसके जवाब में 14 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। इस झड़प में कांग्रेस विधायक सहित 70 से अधिक लोग घायल हुए।

इंटरनेट बंद और सुरक्षा कड़ी

टिब्बी क्षेत्र में इंटरनेट सेवा पहले से ही बंद है, और 18 नवंबर से धारा 163 लागू है। महापंचायत के दौरान प्रशासन ने लगभग 700 पुलिसकर्मी और चार मजिस्ट्रेट तैनात किए थे। इसके बावजूद किसान उग्र हो गए और बैरिकेड तोड़ते हुए फैक्ट्री की ओर बढ़े।किसानों की मांग  किसान प्रदूषण और पानी के इस्तेमाल को लेकर चिंतित हैं। फैक्ट्री से प्रभावित करीब 30 परिवार अपने घर छोड़कर जा चुके हैं। शुक्रवार को किसानों की नई रणनीति तय होगी और आंदोलन जारी रहने की संभावना है।

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