प्रधानमंत्री ने असम को दिया पहला एम्स, कहा - पिछली सरकार ने नॉर्थ-ईस्ट के लिए कुछ नहीं किया
प्रधानमंत्री ने असम में तीन नए मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन किया
गुवाहाटी/वेबडेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज असम को पहला एम्स और तीन मेडिकल कॉलेजों की सौगात दी। इस दौरान उन्होंने एक सभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने उत्तर-पूर्वी राज्यों को पहला एम्स दिया जबकि पिछली सरकारों ने यहां के लिए कुछ नहीं किया।
उन्होंने कहा कि आप सभी को बिहू पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। इस पावन अवसर पर असम के, नॉर्थ-ईस्ट के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को आज एक नई ताकत मिली है। आज नॉर्थ-ईस्ट को अपना पहला AIIMS मिला है और असम को तीन नए मेडिकल कॉलेज मिले हैं।आज, पूर्वोत्तर को अपना पहला एम्स मिल गया है, और असम को तीन नए मेडिकल कॉलेज मिल गए हैं। पिछले नौ साल में हमने इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर काम किया है और इसलिए हर कोई कनेक्टिविटी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की बात करता है।हम आपके सेवक होने की भावना से काम करते हैं, इसलिए नॉर्थ ईस्ट हमें दूर भी नहीं लगता और अपनेपन का भाव भी बना रहता है। आज नॉर्थ ईस्ट में लोगों ने विकास की बागडोर आगे बढ़कर खुद संभाल ली है। भारत के विकास के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।
क्रेडिट क्यों नहीं मिला -
उन्होंने कहा कि आजकल एक नई बीमारी देखने को मिल रही है। वो शिकायत करते हैं कि दशकों तक उन्होंने भी देश पर राज किया है, लेकिन उन्हें क्रेडिट क्यों नहीं मिला। क्रेडिट के भूखे लोगों और जनता पर राज करने की भावना ने देश का बहुत अहित किया है।हमने वोटबैंक के बजाय देश की जनता की मुश्किलों को कम करने पर फोकस किया। हमने लक्ष्य बनाया कि हमारी बहनों को इलाज के लिए दूर ना जाना पड़े। हमने तय किया कि किसी गरीब को, पैसे के अभाव में अपना इलाज ना टालना पड़े।पिछली सरकारों की नीतियों के कारण हमारे पास डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों की संख्या कम थी। यह भारत में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के लिए एक बड़ी बाधा थी। इसलिए, पिछले नौ वर्षों में, हमारे सरकारी मेडिकल ने मेडिकल इन्फ्रा और चिकित्सा पेशेवरों को बढ़ाने की दिशा में काम किया।
एमबीबीएस की सीटें दोगुनी
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले 10 सालों में करीब 150 मेडिकल कॉलेज ही बने थे, पिछले 9 वर्षों में हमारी सरकार में करीब 300 नए मेडिकल कॉलेज बने हैं।पिछले 9 वर्षों में देश में MBBS की सीटें भी दोगुनी बढ़कर एक लाख से अधिक हो चुकी हैं।मैं समझता हूं कि इलाज के लिए पैसा नहीं होना गरीबों के लिए एक बड़ी चिंता है और इसलिए हमने आयुष्मान भारत योजना शुरू की।मैं जानता हूं कि महंगी दवाएं गरीब और मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ी चिंता का विषय हैं और इसलिए हमारी सरकार ने सस्ती दवाओं के लिए 9,000 से अधिक जन औषधि केंद्र खोले हैं।