#YeThikKarkeDikhao: विकास के दावों पर जनता की पड़ताल, सोशल मीडिया पर वायरल एक हैशटैग नेताओं को दे रहा खुला चैलेंज…

Update: 2025-07-03 13:10 GMT

जब सड़कों पर गड्ढे हों, नालियां उफन रही हों, पार्क बदहाल हों, शहर-कस्‍बे-गांव गंदगी से सड़ रहे हो और नेता सिर्फ कागजों पर विकास का ढोल पीटते नजर आएं तब आम नागरिक क्या कर सकता है?

जवाब है: “#YeThikKarkeDikhao”

यह कोई साधारण ट्रेंड नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर उठी एक सटीक, तीखी और असरदार नागरिक आवाज है, जो अब धीरे धीरे अब एक आंदोलन का रूप ले रही है।

क्या है ट्रेंड का मकसद?

इस ट्रेंड की मूल भावना बेहद सीधी है: अगर आपके आसपास भी कोई टूटी सड़क, गड्ढा, खुली नाली, या जर्जर पार्क है या आपको लगता है कि कोई काम जो सरकार को करना चाहिए लेकिन सरकार इसे करने में विफल रही है। तो पहले अपने आस पास की उन जगह की तस्वीर लो जहां आपको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है या कोई और परेशानी का सामना कर रहा है।

इसके बाद GPS से अपनी लोकेशन जोड़ो, स्थानीय विधायक/सांसद को टैग करो और #YeThikKarkeDikhao साथ अपने ट्वीटर अकाउंट पर पोस्‍ट करो। इस मुहिम का मकसद सिर्फ शिकायत करना नहीं है बल्कि नेताओं और प्रशासन को जमीन पर उतर कर काम करने को मजबूर करना है।

कैसे शुरू हुआ #YeThikKarkeDikhao?

ट्विटर (अब X) पर @khurpenchh नाम के एक यूजर ने राजस्थान के सांसद और केंद्रीय युवा मामलों और खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ के क्षेत्र की टूटी हुई सड़क की तस्वीर साझा की। साथ में उन्होंने लिखा, "अब इसे ठीक करके दिखाओ।"

इस ट्वीट ने आग की तरह फैलने से पहले एक नया विवाद खड़ा कर दिया। राठौड़ ने ट्वीट को राजनीतिक एजेंडे के तहत बताया और इस पर नाराजगी जताई। लेकिन मामला वहीं नहीं रुका।

इसके बाद देशभर से नागरिकों ने गड्ढे, टूटी सड़कों, जर्जर पार्कों और सार्वजनिक समस्याओं की तस्वीरें डालनी शुरू कर दीं और नेता, विधायक व अधिकारियों को टैग करते हुए लिखा: “#YeThikKarkeDikhao”।

कागज़ी विकास नहीं, जमीन पर बदलाव चाहिए

जहां आमतौर पर लोग शिकायत दर्ज करवा कर चुप हो जाते हैं, वहां यह ट्रेंड एक डिजिटल हथियार बनकर सामने आया है। यह साबित कर रहा है कि अगर आप "सही समय पर सही सवाल पूछें" तो जवाबदेही टाली नहीं जा सकती।

देश भर में कई जगह से वायरल हो रहे हैं वीडियो

#YeThikKarkeDikhao हैशटेक के साथ जो वीडियो और तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं उन्‍हें देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार की लापरवाही से ना जाने कितने आम लोग रोजना परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

ये वीडियो बहुत ही गंभीर हकीकत बयां कर रहे हैं कि कैसे चुनाव से पहले जनता से किए गए वादे सिर्फ कागजों में पूरे हो जाते हैं और जमीनी हकीकत कितनी अलग दिखाई देती है।

क्या यह ट्रेंड असरदार साबित होगा?

इस ट्रेंड के बाद कई सवाल उठे हैं:

- क्या विधायक और सांसद जवाब देंगे?

- क्या तस्वीरों और वीडियो का दबाव प्रशासन को काम पर लगाएगा?

- और सबसे जरूरी क्या यह सोशल मीडिया पर सामने आ रही सच्‍चाई से जमीनी बदलाव की शुरुआत होगी?

कंस्ट्रक्टिव ट्रोलिंग का जन्म?

इस ट्रेंड को कई पत्रकारों और टिप्पणीकारों ने "सबसे सकारात्मक ट्रेंड" बताया। लल्लनटॉप के सौरभ त्रिपाठी ने भी ट्रेंड का समर्थन किया है।


#YeThikKarkeDikhao आज सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि जनता की हक की मांग बन चुका है। यह वह मंच है, जहां शिकायत नहीं बल्कि सवाल उठता है, और जवाब मांगा जाता है।

क्योंकि अब वक्त आ गया है कि नेताओं से कहा जाए

“विकास दिखाओ, वादे नहीं।”

“ये ठीक करके दिखाओ।” 

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