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विश्व पर्यावरण दिवस क्यों मनाया जाता है, क्या है महत्व और थीम

Update: 2020-06-05 08:40 GMT

दिल्ली। हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद है- लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति जागरूक और सचेत करना। प्रकृति बिना मानव जीवन संभव नहीं। इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि हम यह समझें कि हमारे लिए पेड़-पौधे, जंगल, नदियां, झीलें, जमीन, पहाड़ कितने जरूरी हैं। इस दिवस को मनाने का फैसला 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद लिया गया। इसके बाद 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया।

विश्व पर्यावरण दिवस 2020 की थीम 'जैव-विविधता' है। इस थीम के जरिए इस बार संदेश दिया जा रहा है कि जैव विविधता संरक्षण एवं प्राकृतिक संतुलन होना मानव जीवन के अस्तित्व के लिए बेहद आवश्यक है। जैव विविधता को बनाये रखने के लिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी धरती के पर्यावरण को बनाये रखें। 'जैव विविधता' शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- जैविक और विविधता। सामान्य रूप से जैव विविधता का अर्थ जीव जन्तुओं एवं वनस्पतियों की विभिन्न प्रजातियों से है। प्रकृति में मानव, अन्य जीव जन्तु और वनस्पतियों का संसार एक दूसरे से इस प्रकार जुड़ा है कि किसी के भी बाधित हाने से सभी का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे मानव जीवन पर बुरा असर पड़ता है।

संपूर्ण मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर निर्भर है। इसलिए एक स्वस्थ एवं सुरक्षित प्रयायवरण के बिना मानव समाज की कल्पना अधूरी है। वन अधिकारी अरबिंद वर्मा ने बताया कि प्रकृति को बचाने के लिए आज हमसब को मिलकर कुछ संकल्प लेना होगा।

- वर्ष में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और उसे बचाएं तथा पेड़-पौधों के संरक्षण में सहयोग करें

- तालाब, नदी, पोखर को प्रदूषित नही करें, जल का दुरुपयोग नहीं करें तथा इस्तेमाल के बाद बंद करें

- बिजली का अनावश्यक उपयोग नहीं करें, इस्तेमाल के बाद बल्ब, पंखे या अन्य उपकरणों को बंद रखें

- कूड़ा-कचरा को डस्टबीन में फेकें और दूसरों को इसके लिए प्रेरित करें, इससे प्रदूषण नहीं होगा

- प्लास्टिक/पॉलिथिन का उपयोग बंद करें, उसके बदले कागज के बने झोले या थैले का उपयोग करें

- पशु-पक्षियों के प्रति दया भाव रखें, नजदीकी कामों के लिए साइकिल का उपयोग करें

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