खाद माफियाओं पर सख्त हुई योगी सरकार, कालाबाजारी करने वालों पर लगेगी रासुका

Update: 2025-12-19 06:20 GMT

खाद की कालाबाजारी को लेकर योगी सरकार काफी सख्त हो गई है। राज्य सरकार ने इस अपराध के खिलाफ अब तक की सबसे कड़ी कार्रवाई करते हुए स्पष्ट संदेश दिया है कि खेती और किसान हितों से जुड़ा अपराध किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

एनएसए जैसी कठोर कार्रवाई

मुख्यमंत्री के निर्देश पर खाद माफियाओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) जैसी कठोर कार्रवाई की जा रही है। सरकार का मानना है कि उर्वरकों की कालाबाजारी केवल आपूर्ति या प्रशासनिक लापरवाही का मामला नहीं है, बल्कि यह सीधे तौर पर खाद्य सुरक्षा, किसान की आजीविका और प्रदेश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा गंभीर अपराध है।

मुख्यमंत्री योगी ने बैठक में स्पष्ट कहा कि जो लोग किसानों को संकट में डालकर मुनाफाखोरी कर रहे हैं, वे केवल कानून नहीं तोड़ रहे, बल्कि देश और प्रदेश की खाद्य सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे तत्वों को सामान्य अपराधी मानकर नहीं छोड़ा जाएगा और जरूरत पड़ी तो उनके खिलाफ एनएसए जैसी कठोर धाराएं लगाई जाएंगी।

लापरवाही बरतने वाले अफसर भी जवाबदेह

योगी सरकार ने खाद की आपूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए सरप्राइज इंस्पेक्शन का तंत्र मजबूत किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब केवल दुकानदार ही नहीं, बल्कि निगरानी में लापरवाही बरतने वाले अफसर भी जवाबदेह होंगे। औचक निरीक्षण के दौरान स्टॉक, बिक्री रजिस्टर, दर सूची और वितरण प्रक्रिया की गहन जांच की जा रही है। यदि किसी स्तर पर मिलीभगत या आंख मूंदने की शिकायत सामने आती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई तय है।

सरकार ने खाद की कालाबाजारी, जमाखोरी और ओवररेटिंग की शिकायतों पर त्वरित एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। अब केवल नोटिस या चेतावनी देकर मामले को ठंडे बस्ते में नहीं डाला जाएगा।

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