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चाइनीज झालरों की झिलमिलहाट कम करने कानपुर की मेक इन इंडिया झालरें बाजार में उपलब्ध

Update: 2021-10-28 13:10 GMT

कानपुर/वेब डेस्क। दीपावली पर्व को अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं, ऐसे में बाजारों में त्योहारों की रौनक छाना लाजमी है। त्योहार पर घरों को जगमग झालरों और झूमर से सजाने के लिए लोगों की पहली पसंद बनी हुई है। भले ही लोग कम दाम के लालच में चाइनीज झालरों को पसंद कर रहे हो, लेकिन अपनी क्वालिटी और वैरायटी के लिए आज भी मेक इन इण्डिया यानि की शहर में बनी देशी झालरों की रोशनी से चाइनीज झालर की झिलमिलाहट कम होगी।

कोरोना महामारी की मंदी के बाद दीपावली पर्व को देखते हुए शहर के बाजारों में धीरे-धीरे बढ़ रही रंगत को देख कारोबारी उम्मीद लगा रहे हैं कि इस बार लाइट और झालरों का करोड़ों का कारोबार की संभावना है। मनीराम बगिया बिजली के सामान, रंग बिरंगी झालरों और झूमर के लिए शहर की सबसे बड़ा बाजार माना जाता है। यहां पर उचित दाम पर सामान मिल जाते हैं। यहां के दुकानदार मयंक गुप्ता बताते है कि वह 45 सालों से बिजली संबंधित उपकरणों का व्यापार कर रहे हैं। पिछले साल कोरोना महामारी के चलते इस व्यापार में भी काफी नुकसान हुआ था। लेकिन इस बार कोरोना काल में राहत और दीपावली त्योहार के चलते उनके व्यापार को नया पंख मिलने का काम हुआ है।

उन्होंने कहा कि पर्व को देखते हुए नई तरह-तरह की झालरें बाजारों में बिक रहीं है। उनका कहना है कि हमारे पास हर वर्ग की उम्र के लोगों को लुभाने वाली झालरें व लाइट मौजूद है। बर्रा निवासी अंकित बाजपेई ने बताया कि वह हर वर्ष की तरह भी इस बार भी झालर खरीदने मनीराम बगिया की बाजार आए है। इस बार यहां बाजार में कम से कम दामों में झालरें देखने को मिल रहीं हैं, जो कि हर किसी को आकर्षित भी कर रही है।

मनियाराम बगिया बाजार में छोटी सी दुकान रखकर अपने परिवार की जीविका चलाने वाले बिजली कारीगर अजय का कहना है कि यह बात तो सही है कि लोगों को चाइनीज झालरे बहुत भा रही है। लेकिन कहा जाता है कि चाइनीज माल टिकाऊ नहीं होता है। इसलिए कई लोग उनके पास देशी झालरों को घरों और भवनों में लगाने के लिए आर्डर दे रहें हैं। इससे उनकी भी आमदनी बढ़ने की उम्मीद है और वह भी देशी झालरे दीपावली को लेकर तैयार कर रहे हैं।

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