दुनिया के समक्ष रखे गए सभी लक्ष्यों में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण: सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ चीफ जस्टिसेस ऑफ वर्ल्ड के उद्घाटन समारोह में दिया संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को सिटी मॉन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित 26वें इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ चीफ जस्टिसेस ऑफ वर्ल्ड (ICCJZW) के उद्घाटन समारोह में कहा कि भारत की हजारों साल पुरानी परंपरा “वसुधैव कुटुम्बकम्” यानी ‘सारा विश्व एक परिवार है’ की भावना को दुनिया के सामने प्रस्तुत करना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है।
सीएम योगी ने कहा कि संकट के समय शरण देने और सहयोग करने में भारत ने हमेशा योगदान दिया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) का जिक्र करते हुए कहा कि इन 16 लक्ष्यों में शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में सीएमएस निदेशक और ICCJZW कन्वीनर प्रो. सुनीता गांधी किंगडम ने कहा कि भारत की वसुधैव कुटुम्बकम् की परंपरा ही विश्व कल्याण की कुंजी है। उन्होंने 80 साल पहले बने यूएन चार्टर में वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बदलाव की आवश्यकता पर भी बल दिया।
इस दौरान छात्र-छात्राओं ने मार्टिन लूथर किंग, व्हिना कूपर, नेल्सन मंडेला और मदर टेरेसा जैसी महान विभूतियों की ओर से विश्व कल्याण की कामना की। कार्यक्रम में क्रोएशिया के पूर्व राष्ट्रपति, लेसोथो के पूर्व प्रधानमंत्री, विभिन्न देशों के मुख्य और उपमुख्य न्यायाधीश, सीएमएस संस्थापक निदेशक डॉ. भारती गांधी, स्कूल अध्यक्ष डॉ. रोजर किंगडम और भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
सीएम योगी ने कहा कि दुनिया की वास्तविक समस्याओं को कभी भूलना नहीं चाहिए। उन्होंने बताया कि कई बार डायलॉग बाधित किया जाता है क्योंकि कुछ संगठन अपने वर्चस्व को स्थापित करना चाहते हैं। इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य न्यायाधीशों के माध्यम से मानवता और न्याय की स्थापना करना है।
सीएम ने बच्चों की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि 250 करोड़ से अधिक बच्चों के लिए क्वॉलिटी एजुकेशन सुनिश्चित करना आवश्यक है। उन्होंने शिक्षा को समाज, राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संवाद की नींव बताया।
उन्होंने कहा कि अशांति, अराजकता और वर्चस्व की होड़ के बीच एजुकेशन, हेल्थ और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के प्रयासों को हर स्तर पर बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी प्रगति जीवन को सरल बनाने में मदद कर रही है, लेकिन इसके साथ नई कानूनी चुनौतियां जैसे साइबर क्राइम और डेटा सुरक्षा भी सामने आ रही हैं।
सीएम योगी ने जोर देकर कहा कि न्याय, नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय कानून विश्व शांति और मानव सभ्यता के लिए दिशा-निर्देशक हो सकते हैं। उन्होंने 80 साल पहले यूएन द्वारा किए गए घोषणाओं को पुनः याद करते हुए कहा कि आज भी एक न्यायपूर्ण, समावेशी और जवाबदेही वैश्विक प्रणाली की आवश्यकता है।