सीएम योगी ने ढोल-नगाड़ों की थाप से जनजाति भागीदारी उत्सव का शुभारंभ किया
भारत की स्वाधीनता के पक्षधर थे भगवान बिरसा मुंडा
भगवान बिरसा मुंडा ने दिया नारा, "देश हमारा है तो राज भी हमारा ही होना चाहिए, विदेशी हुकूमत भारत में राज न करे": मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धरती आबा बिरसा मुंडा भारत की स्वाधीनता के पक्षधर थे। इसके लिए उन्होंने अभियान चलाया, जिस पर तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने उन्हें गिरफ्तार किया। मात्र 25 वर्ष की आयु में उन्होंने रांची की जेल में अंतिम सांस ली। उन्होंने जनजाति समुदाय को नारा दिया कि अपना देश—अपना राज। देश हमारा है तो राज भी हमारा ही होना चाहिए, विदेशी हुकूमत भारत में राज न करे। धरती आबा को श्रद्धांजलि देते हुए पीएम मोदी ने 15 नवंबर को जनजाति दिवस के रूप में मनाने की प्रेरणा दी।
को ढोल-नगाड़ों की थाप से उत्सव का शुभारंभ
सीएम योगी ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में गुरुवार को ढोल-नगाड़ों की थाप से जनजाति भागीदारी उत्सव का शुभारंभ किया। सीएम ने यहां लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस दौरान मेजबान उत्तर प्रदेश सहित अरुणाचल प्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के जनजाति कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी।
सीएम योगी ने बताई विशेषता
सीएम योगी ने इस वर्ष की विशेषता बताते हुए इसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पहली से 15 नवंबर तक देश में जनजाति गौरव पखवाड़ा आयोजित किया जा रहा है। सरकार द्वारा जनजाति समुदाय को समाज व राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने व सम्मान के साथ आगे बढ़ने के लिए बेहतर प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जा रहा है। इस अवसर पर पर्यटन-संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण, अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत, उपाध्यक्ष बेचन राम, विधान परिषद सदस्य सुभाष यदुवंश आदि मौजूद रहे।
22 राज्यों के कलाकार उत्तर प्रदेश आकर बन रहे सहभागी
सीएम योगी ने कहा कि सांस्कृतिक समागम में 22 राज्यों के कलाकारों को जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। कलाकार सहभागिता की दृष्टि से अरुणाचल प्रदेश पार्टनर स्टेट है। गुजरात, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, सिक्किम, उड़ीसा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, मिजोरम, गोवा, केरल, पश्चिम बंगाल, असम, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, झारखंड व पंजाब के कलाकार उत्तर प्रदेश में आकर जनजाति भागीदारी उत्सव में सहभागी बन रहे हैं। यहां हस्तशिल्प व कला प्रदर्शनी, व्यंजन मेला और जनजाति साहित्य को समर्पित साहित्यिक व विकास मंच भी है।
जनजाति समुदाय की शिक्षा का बढ़ा स्तर, मिल रहा शासन की योजनाओं का लाभ
सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने तय किया कि उत्तर प्रदेश में जितनी भी जनजातियां हैं, उन्हें अधिकार प्राप्त हों और उन्हें सेचुरेशन के लक्ष्य तक पहुंचाने की दिशा में कार्य हो। थारू, मुसहर, चेरो, बुक्सा, सहरिया, कोल, गौड़ आदि जनजातियों को शासन की सभी योजनाओं से आच्छादित करने के लिए सरकार ने मिशन मोड पर अभियान चलाया। परिणामस्वरूप ज्यादातर जनजातियों को विकास की योजनाओं (कनेक्टिविटी, पेयजल, बिजली, पेंशन, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत) का लाभ दिया जा रहा है।
समुदाय की आबादी यूपी में कम है। पहले सरकारी नौकरी के विज्ञापन निकालते थे तो अनुसूचित जाति की पूरी सीटें नहीं भरी जाती थीं। हाल में 60,244 पुलिस भर्ती में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटें उसी समाज के युवाओं से भरी गई। यह दर्शाता है कि उनके शिक्षा का स्तर और भागीदारी बढ़ी है, और शासन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।