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देश की पहली महिला डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य का निधन

Update: 2019-08-27 04:09 GMT

देहरादून। उत्तराखंड और देश की पहली महिला डीजीपी कंचन चौधरी भट्टाचार्य का निधन हो गया। सोमवार देर रात मुंबई में उन्होंने अंतिम सांस ली। 2014 के लोकसभा चुनाव में वह हरिद्वार से आम आदमी पार्टी के टिकट पर लड़ीं थीं। पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि वह लंब समय से बीमार थीं। सोमवार देर रात मुंबई के एक अस्पताल में उनका निधन हो गया। 1973 बैच की आईपीएस अफसर कंचन चौधरी भट्टाचार्य 2004 में उत्तारखंड की डीजीपी बनी थीं। 31 अक्टूबर 2007 को वे पुलिस महानिदेशक के पदेस रिटायर हुईं। उनके जीवन पर दूरदर्शन का लोकप्रिय धारावाहिक उड़ान बना था। देहरादून के कृषाली गांव और हरिद्वार में भी उनका घर था।

दिवंगत कंचन चौधरी भट्टाचार्य देश की पहली महिला डीजीपी रहीं। उनका पुलिस करिअर शानदार रहा। रिटायर होने के बाद उन्होंने सियासत में भी हाथ आजमाया लेकिन सफल नहीं हो सकीं। उत्तराखंड पुलिस की ओर से जारी शोक संदेश में कहा गया है कि 1973 बैच की आईपीएस अधिकारी श्रीमती भट्टाचार्य का उत्तराखंड पुलिस में खास योगदान रहा। पुलिस की ओर से इसके लिए उनका आभार व्यक्त किया गया।

कंचन चौधरी भट्टाचार्य 2004 में उत्तराखंड की डीजीपी बनीं। वह राज्य की तीसरी डीजीपी थीं। उनसे पहले अशोककांत शरण और पीडी रतूड़ी इस पद पर रहे थे। उनक छवि एक सख्त अधिकारी की रहीं। डीजीपी बनने से पहले वह राज्य पुलिस के सतर्कता विभाग में तैनात रहीं। इससे पहले वह मुंबई में सीआईएसएफ में महानिरीक्षक थीं। वह यूपी कैडर की थीं लेकिन बाद में उन्होंने उत्तराख्ंाड कैडर ले लिया था।

एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार से भारतीय पुलिस सेवा तक का सफ़र तय करने वाली कंचन चौधरी के जीवन पर नब्बे के दशक में दूरदर्शन का लोकप्रिय धारावाहिक 'उड़ान' बना था। उड़ान धारावाहिक महिला सशक्तीकरण पर केंद्रित था। इसमें दिखाया गया था कि कल्याणी सिंह नाम की एक युवा लड़की जो हर स्तर पर लैंगिक भेदभाव से जूझते हुए आईपीएस अधिकारी बन जाती है। यह शो ऐसे समय में आया जब महिलाओं को वर्दी में देखना असामान्य था और इस शो ने कई महिलाओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम किया।

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