आजादी के 77 साल बाद कितना बदलाव: सतना के इस गांव में आज भी नहीं है रोड, बीमार व्यक्ति को चारपाई में लेकर जाते है अस्पताल
सतना। भारत को आजादी मिले 77 साल हो चुके हैं, और 33 दिन बाद यह आंकड़ा 78 साल का हो जाएगा। लेकिन आज भी देश के कई ग्रामीण क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। मध्य प्रदेश के सतना जिले की नागौद तहसील के द्वारी खुर्द गांव की स्थिति इसका जीवंत उदाहरण है। इस गांव में आज भी पक्की सड़क का अभाव है और बारिश के मौसम में ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो ने इस गांव की दयनीय स्थिति को उजागर किया है, जिसमें बीमार व्यक्तियों को चारपाई पर अस्पताल ले जाना पड़ता है, क्योंकि कीचड़ भरे रास्तों पर एंबुलेंस जैसे वाहन पहुंच नहीं पाते। यह स्थिति प्रशासनिक लापरवाही और बुनियादी ढांचे के विकास में कमी को भी उजागर कर रही है।
बारिश ने बढ़ाई ग्रामीणों की मुश्किलें
नागौद तहसील के द्वारी खुर्द गांव में सड़क की अनुपस्थिति ने बारिश के मौसम में ग्रामीणों की जिंदगी को और मुश्किल बना दिया है। एक वायरल तस्वीर में दिखाया गया है कि बारिश के कारण रास्ते कीचड़ से भर गए हैं, जिससे पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। ऐसी स्थिति में बीमार लोगों को चारपाई पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ता है, क्योंकि एंबुलेंस जैसे वाहन गांव तक पहुंच ही नहीं पाते। यह तस्वीर न केवल ग्रामीणों की पीड़ा को दर्शाती है, बल्कि सरकार और प्रशासन के दावों पर भी सवाल उठाती है, जो गांव-गांव तक सड़क पहुंचाने का वादा करते हैं।
नागौद विधानसभा सतना जिले की सात विधानसभाओं में से एक है। 2023 के विधानसभा चुनाव में यहां से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार को जीत मिली थी। क्षेत्र के विधायक और स्थानीय प्रशासन से ग्रामीणों ने बार-बार सड़क निर्माण की मांग की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
सतना जिले में कुल 16 लाख 89 हजार से अधिक मतदाता हैं, और नागौद में 2018 के चुनाव में 77.70% वोटर टर्नआउट दर्ज किया गया था, जो जिले में सबसे अधिक था। फिर भी, इस क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में विकास की गति धीमी बनी हुई है।
यहाँ देखिये सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो