बुंदेलखंड पैकेज: सागर जिले में औद्योगिक विकास को नई रफ्तार
बुंदेलखंड पैकेज से सागर में 24,240 करोड़ निवेश, 29,100 रोजगार, 42 उद्योग और 608 हेक्टेयर भूमि पर विकास की तैयारी।
प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधियों को तेज करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सागर जिले के मसवासी औद्योगिक क्षेत्र में निवेश बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर बनाने के उद्देश्य से विशेष औद्योगिक पैकेज को मंजूरी दी गई है। फैसला ऐसे समय में आया है, जब बुंदेलखंड लंबे समय से बेहतर अधोसंरचना और औद्योगिक निवेश की प्रतीक्षा कर रहा था।
बुंदेलखंड को नए उद्योगों से जोड़ने की तैयारी
बुंदेलखंड पैकेज का मुख्य फोकस उन जिलों में विकास की गति बढ़ाना है, जो अब तक औद्योगिक गतिविधियों में पीछे रहे हैं। मसवासी इंडस्ट्रियल ज़ोन के लिए जो प्रस्ताव स्वीकृत हुआ है, उसमें भूमि, कर रियायतें, शुल्कों में छूट और ऊर्जा लागत में राहत जैसे प्रावधान शामिल हैं। दस्तावेज़ में दर्ज अनुसार, भूमि एक रुपये प्रति वर्गमीटर के टोकन मूल्य पर उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे निवेश की शुरुआती लागत काफी कम हो जाएगी। इसके साथ ही वार्षिक भू-भाटक मात्र एक रुपये प्रति वर्गमीटर तय किया गया है। विकास शुल्क दस समान वार्षिक किस्तों में और संधारण शुल्क आठ रुपये प्रति वर्गमीटर वार्षिक निर्धारित किया गया है। ये प्रावधान छोटे और मझोले उद्योगों के लिए भी बड़ा प्रोत्साहन माने जा रहे हैं।
अनुमानित निवेश, जमीन और रोजगार
प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार, इस औद्योगिक पैकेज से लगभग 24,240 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने का अनुमान है। यह आंकड़ा बुंदेलखंड जैसे क्षेत्र के लिए बड़ा बदलाव ला सकता है, जहां अब भी रोजगार के स्थायी अवसर सीमित हैं।
- कुल अनुमानित निवेश: 24,240 करोड़ रुपये
- रोज़गार संभावना: लगभग 29,100 व्यक्तियों को
- उपलब्ध भूमि: 608.93 हेक्टेयर
- अधोसंरचना पर खर्च: पांच वर्ष में 539.54 करोड़ रुपये
- उद्योग: 42 नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य
इन प्रावधानों से साफ है कि सरकार केवल निवेश आकर्षित करने की दिशा में नहीं, बल्कि एक संपूर्ण औद्योगिक पारिस्थितिकी तैयार करने की ओर बढ़ रही है।
उद्योगों के लिए बड़े प्रोत्साहन
भूमि और शुल्क में राहत
विशेष पैकेज के तहत स्टांप और पंजीयन शुल्क में भी 100% छूट का प्रावधान है। यह छूट उद्योगों के लिए शुरुआती सेटअप लागत को और कम कर देगी।
बिजली शुल्क में छूट
व्यावसायिक उत्पादन शुरू होने की तारीख से पाँच वर्ष तक बिजली शुल्क में छूट दी जाएगी। यह लाभ उन उद्योगों के लिए विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है, जहां बिजली लागत संचालन व्यय का बड़ा हिस्सा होती है।
कौन-कौन होंगे लाभार्थी?
- बड़ी इकाइयों पर उद्योग संवर्द्धन नीति 2025 लागू होगी।
- MSME इकाइयों पर MSME विकास नीति 2025 और MSME प्रोत्साहन योजना 2025 लागू होगी।
- एक महत्वपूर्ण बिंदु यह भी है कि सीमेंट निर्माण इकाइयां इस पैकेज के दायरे से बाहर रहेंगी।
स्थानीय रोजगार पर सीधा असर
सरकारी अनुमान बताता है कि 42 नई औद्योगिक इकाइयों के साथ लगभग तीन लाख से अधिक कामकाजी और अप्रत्यक्ष अवसर पैदा होंगे। स्थानीय युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार मिलने की संभावना बढ़ेगी, जिससे पलायन में भी कमी संभावित है। बुंदेलखंड के कई गांवों व कस्बों में उद्योगों की कमी रही है। मसवासी सेक्टर में निवेश बढ़ने से आस-पास के इलाकों में सड़क, पानी, बिजली और अन्य बुनियादी ढाँचे का विकास भी तेज़ होगा ऐसा प्रशासन का मानना है। पैकेज की प्रभावशीलता की अवधि पांच वर्ष तय की गई है। इस दौरान सरकार निवेशकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने और अधोसंरचना को समयबद्ध तरीके से विकसित करने पर फोकस करेगी। योजना सफल रही, तो बुंदेलखंड का औद्योगिक नक्शा आने वाले वर्षों में पूरी तरह बदल सकता है।